Bangalore News: CBI ने सोमवार को बेंगलुरु और आंध्र प्रदेश में 16 जगहों पर छापेमारी की है. यह कार्रवाई वाल्मीकि कॉरपोरेशन (M/s कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड– KMVSTDCL) से सरकारी पैसे चुराने और रिश्तेदारों और करीबियों के खातों में भेजने के मामले में की गई है. ये सरकारी संस्था, जो कर्नाटक सरकार के अधीन है, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की MG रोड शाखा में खाता रखती थी.
खातों से 84.63 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
CBI की टीम ने सोमवार को M/s कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड (KMVSTDCL) पर छापेमारी की गई है. आरोप है कि कर्नाटक सरकार के अधीन सरकारी संस्था वाल्मीकि कॉरपोरेशन से सरकारी पैसे चुराकर नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों के खातों में भेजे गए हैं. इस संस्था का खाता MG रोड स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में था. यूनियन बैंक के DGM द्वारा शिकायत दी गई थी कि खातों से 84.63 करोड़ की धोखाधड़ी कई गई है. आरोप है कि फर्जी दस्तावेज और गलत तरीके से ट्रांसफर करके यह रुपये निकाल लिए गए. पैसे ट्रांसजेक्शन का ये खेल 21 फरवरी 2024 से 6 मई 2024 के बीच चला. शिकायत पर यह मामला 3 जून 2024 को दर्ज किया गया था. इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया था. 16 नवंबर 2024 को विधायक बसनगौड़ा आर. पाटिल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि CBI जल्द से जल्द फाइनल रिपोर्ट पेश करे और समय-समय पर स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दे. अब तक चार रिपोर्ट पेश हो चुकी हैं और कोर्ट खुद इस मामले पर नजर रख रहा है.
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जांच में हुए अहम खुलासे
जांच में सामने आया कि सिर्फ वाल्मीकि कॉरपोरेशन ही नहीं, बल्कि एसटी वेलफेयर डिपार्टमेंट और कर्नाटक जर्मन टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (KGTTI) के पैसे भी गलत तरीके से ट्रांसफर किए गए। एसटी वेलफेयर डिपार्टमेंट से 2.17 करोड़ रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा, सिद्धैया रोड, बेंगलुरु से निकालकर बीच की कंपनियों जैसे M/s एसकेआर इन्फ्रास्ट्रक्चर और M/s Golden Establishment के जरिए M/s धनलक्ष्मी एंटरप्राइजेज के खाते में भेजे गए। यह कंपनी मंत्री बी. नागेंद्र के करीबी नेक्कंती नगराज की है। इनमें से करीब 1.20 करोड़ रुपये मंत्री के रिश्तेदारों जैसे बहन, बहनोई और निजी सहायक के खातों में पहुंचाए गए। इसके अलावा KGTTI से 64 लाख रुपये कैनरा बैंक, विल्सन गार्डन शाखा से निकालकर M/s सद्गुरु एजुकेशन ट्रस्ट, M/s सद्गुरु सोल्यूशन, फिर M/s स्किलपॉइंट प्रशिक्षण, उसके बाद M/s स्टाइल मशीन के खातों में घूमते हुए एन. रविकुमार (नेक्कंती नगराज के भाई) और एन. यशवंत चौधरी (भतीजा) तक पहुंचाए गए। जिसके बाद हाईकोर्ट ने CBI को इन आरोपों की भी जांच की मंजूरी दे दी है। कोर्ट भी इस मामले में सख्ती से कार्रवाई कर रही है। आने वाले समय में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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