5 Facts of Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण कल यानी 1 फरवरी को लोकसभा में बजट पेश करेंगी। शनिवार की सुबह 11 बजे वित्त मंत्री की बजट स्पीच शुरू होगी। मगर क्या आप जानते हैं कि आज से कुछ साल पहले तक बजट 29 फरवरी को शाम 5 बजे पेश किया जाता था। तो आइए बजट से पहले हम आपको इससे जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट्स बताते हैं।
1. हलवा सेरेमनी क्या है?
हर साल बजट पेश होने के 1 हफ्ते पहले यानी 24 जनवरी को वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी होती है। मीठा खाने के साथ इस शुभ काम की शुरुआत होती है। वित्त मंत्री अपने हाथों से सभी अफसरों को हलवा परोसती हैं। इसके बाद ही अफसरों का लॉक इन पीरियड शुरू हो जाता है और नॉर्थ ब्लॉक की प्रेस में बजट की छपाई होने लगती है।
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2. सात दिन तक बंद रहते हैं अफसर
हलवा सेरेमनी के बाद 100 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को 7 दिन तक वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में बंद रखा जाता है। इस दौरान वो न फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं और न ही किसी बाहरी व्यक्ति से मिल सकते हैं। 1950 से पहले तक बजट राष्ट्रपति भवन में प्रिंट होता था। 1980 में इसे नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय में शिफ्ट कर दिया गया। बजट के डॉक्यूमेंट्स को गोपनीय रखने के लिए 7 दिन का लॉक-इन पीरियड तय किया गया है।
3. बजट की तारीख बदली
आपको जानकर हैरानी होगी कि 2016 तक बजट 28 या 29 फरवरी को पेश होता था। यह परंपरा अंग्रेजी हुकूमत से ही चली आ रही थी। मगर 2017 में पहली बार बजट को 1 फरवरी के दिन पेश किया गया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी वजह बताते हुए कहा था कि बजट पास कराने में मई तक का समय लग जाता है। ऐसे में 1 फरवरी को बजट पेश करने से बजट को पास कराने का प्रोसेस 1 अप्रैल (नए वित्त वर्ष) तक पूरा हो जाएगा।
4. शाम की बजाए सुबह पेश होने लगा बजट
1999 तक बजट शाम को 5 बजे पेश किया जाता था। दरअसल अंग्रेजी हुकूमत के समय से यह परंपरा चली आ रही थी। जब भारत में शाम के 5 बजते थे, तो ब्रिटेन में दोपहर के 12:30 बज रहे होते थे। इसलिए भारत में बजट शाम को पेश होता था। मगर 1999 में अटल बिहार वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 11 बजे आम बजट पेश किया था।
5. बजट पर क्यों चढ़ता है लाल कपड़े का कवर?
आजादी के बाद से 2018 तक बजट को चमड़े के ब्रीफकेस में पैक किया जाता था। वित्त मंत्री यही ब्रीफकेस लेकर संसद पहुंचते थे। हालांकि 2019 में पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस परंपरा को तोड़ा था। 2019 के चुनाव के बाद 5 जुलाई 2019 को बजट सत्र की शुरुआत हुई और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लाल रंग के कपड़े में बजट लेकर संसद पहुंची। इस कवर पर राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ बना हुआ है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा था कि पश्चिमी गुलामी से आजादी का प्रतीक है। यह भारतीय परंपरा का हिस्सा है और यह बजट नहीं बही खाता है।
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