Brahmos-II Missile Testing Update: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइल से अटैक करके पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिया था. इस मिसाइल ने दुश्मन देश पाकिस्तान को खून के आंसू रुला दिए थे. इस मिसाइल का काम देखकर सरकार ने इसका नया एडवांस वर्जन ब्रह्मोस-II तैयार करने का फैसला किया है, जिसे 2031 तक इंडियन डिफेंस का हिस्सा बनाने का लक्ष्य है और मिसाइल का पहला टेस्ट साल 2027-28 में करने की योजना है.
पहली टेस्टिंग में चेक होंगी ये 3 पावर्स
स्क्रैमजेट इंजन और हाई-टेम्परेचर मैटेरियल से बनने वाली यह नेक्सट जनरेशन की एडवांस टेक्नोलॉजी वाली मिसाइल चीन के 25 प्रतिशत हिस्से को भी कवर करेगी. मिसाइल को बनाने में रूस का इंजन और भारत का सेंसर सिस्टम इस्तेमाल होगा. इसकी स्पीड साउंड और हवाई जहाज की स्पीड से भी ज्यादा होगी. वहीं मिसाइल के पहले टेस्ट का मकसद मैक-8 स्पीड को फिक्स करना होगा, जिसके लिए स्क्रैमजेट इंजन चाहिए, इसके लिए रूस से डील की जाएगी.
दूसरा मकसद हाइपरसोनिक स्पीड से सटीक निशाना साधने की क्षमता देखना होगा, जिसके लिए एडवांस एल्गोरिदम और मॉडर्न नेविगेशन टेक्नोलॉजी चाहिए. वहीं तीसरा मकसद हाई-टेम्परेचर वाले मैटेरियल की टेस्टिंग करना होगा, क्योंकि हाइपरसोनिक स्पीड पर मिसाइल का टेंपरेचर 2000 डिग्री सेल्सियन से ऊपर होता है, जिसे झेलने के लिए अल्ट्रा-हाई-टेम्परेचर सिरेमिक्स, कॉम्पोजिट स्ट्रक्चर और एडवांस कोटिंग्स चाहिए, जिसके लिए रिसर्च चल रही है.
भारत-रूस मिलकर बनाएंगे मिसाइल
बता दें कि ब्रह्मोस-II मिसाइल को भारत और रूस मिलकर बनाएंगे, जिसके लिए डील करने की तैयारी चल रही है. यह हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल रूस की 3M22 जिरकॉन मिसाइल की तर्ज बनाई जा रही है. रूस की मिसाइल में स्क्रैमजेट इंजन लगा है और वह मिसाइल न्यूक्लियर बम कैरी करने में भी सक्षम है. यह मिसाइल रूस की नौसेना का हिस्सा बन चुकी है और इसकी क्षमता मैक-9 की स्पीड तक पहुंचने की है. अमेरिका-चीन भी ऐसी मिसाइल बना रहे हैं.










