BJP in Tamil Nadu: तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन पीएम मोदी और बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। दरअसल, दक्षिण के इस राज्य में बीजेपी का वोट बैंक बीते कुछ सालों में बढ़ा है। बीजेपी यहां अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर अपने पैर पसार रही है। ऐसे में बीते दिनों डिप्टी सीएम ने AIADMK की आलोचना की और राज्य की जमीन, गौरव और मातृभाषा के लिए बीजेपी को खतरा बताया है।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो तमिलनाडु में वैसे तो बीजेपी का कभी कोई बड़ा वोट बैंक नहीं रहा। लेकिन बीते कुछ सालों में राज्य में बीजेपी के वोट बैंक में इजाफा हुआ है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2019 लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी को 3.66% वोट मिले थे, जो 2024 लोकसभा चुनाव में बढ़कर 11.5% हो गए।
Chennai, Tamil Nadu | Deputy CM Udhayanidhi Stalin says, “AIADMK is desperately trying to pave the way for the BJP. But as long as there are cadres in black and red, saffron will never gain ground in Tamil Nadu… Edappadi K Palaniswami once confidently said there would be no… pic.twitter.com/Z987jxiT4l
— ANI (@ANI) July 24, 2025
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बीजेपी द्रविड पार्टियों के सामने कमजोर जरूर… लेकिन उसका वोट बैंक नगण्य नहीं है
जानकारी के अनुसार फिलहाल राज्य में बीजेपी का सीमित प्रभाव है, यहां लंबे अरसे से द्रविड़ पार्टियों जैसे DMK और AIADMK सत्ता पर काबिज रही हैं। बता दें 2024 लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु में बीजेपी को कोई सीट नहीं मिली थी। यहां पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव में उतरी थी, जिसे 18.5% वोट मिले थे। जिससे पता चलता है कि बीजेपी द्रविड पार्टियों के सामने कमजोर जरूर है लेकिन उसका वोट बैंक नगण्य नहीं है।
मेरे होते हुए तमिलनाडु में नहीं लहराएगा भगवा झंडा, एक सभा में बोले डिप्टी सीएम स्टालिन
हाल ही में डिप्टी सीएम स्टालिन के एक बयान से राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। 24 जुलाई को उन्होंने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि राज्य में 2026 के विधानसभा चुनाव ‘अपनी जमीन, गौरव और मातृभाषा की रक्षा की लड़ाई’ होगी। दरअसल, वह बूथ एजेंटों की एक मीटिंग कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में एआईएडीएमके बीजेपी के लिए रास्ता बना रही है। लेकिन उनके होते हुए प्रदेश में भगवा रंग नहीं लहरेगा।
प्रदेश में तमिल की पहचान गहरी, 2026 विधानसभा चुनाव को लेकर अमित शाह के दावों ने बढ़ाई राजनीतिक हलचल
तमिलनाडु में द्रविड़ विचारधारा और तमिल पहचान की लड़ाई है। यहां जातिगत वोटबैंक साधने के लिए बीते दिनों बीजेपी ने एडप्पादी के. पलानीस्वामी (EPS) को तमिलनाडु बीजेपी का अध्यक्ष बनाया था। बता दें ईपीएस गाउंडर समुदाय से हैं और इस समाज के लोगों का पश्चिमी तमिलनाडु में काफी प्रभाव है। दरअसल, यहां बीजेपी पर हिंदी थोपने का आरोप लगता आया है, राजनीति में बीजेपी को ‘उत्तर भारतीय पार्टी’ कहकर बायकॉट किया जाता है। बता दें केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मीडिया में दिए बयान में दावा किया था कि 2026 में बीजेपी-AIADMK गठबंधन तमिलनाडु में सरकार बनाएगा, जिससे बाद यहां सत्ता पक्ष की टेंशन बढ़ी हुई है।
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