सौरभ कुमार, पटना: 2024 आम चुनाव को लेकर कांग्रेस को दिए गए नीतीश कुमार के सुझाव पर सलमान खुर्शीद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पटना में CPI-M के 11वें अधिवेशन में मौजूद कांग्रेस के सीनियर नेता ने कहा कि हम आपकी (नीतीश कुमार) बात को आलाकमान तक पहुंचा देंगे, मैं एक वकील हूं, आपकी वकालत कर दूंगा। साथ ही सलमान खुर्शीद ने मजाकिया अंदाज में कहा कि विपक्षी प्यार में सबसे पहले आई लव यू कौन कहेगा?
नीतीश कुमार ने क्या कहा था?
पटना में भाकपा माले अधिवेशन में 2024 को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि अब कांग्रेस को भी निर्णय लेना होगा कि 2024 में क्या रणनीति होनी चाहिए और विपक्षी एकता को किस तरह से मजबूत करना चाहिए। यदि कांग्रेस इस बात पर तैयार हो जाए तो 2024 में भाजपा 100 सीटों के अंदर सिमट कर रह जाएगी।
"हम इंतजार कर रहे हैं कि कांग्रेस ज़ल्द फ़ैसला लें, मेरी बात मानोगे तो BJP 100 के नीचे आएगी"
◆ बिहार के CM @NitishKumar का बयान
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— News24 (@news24tvchannel) February 18, 2023
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाकपा-माले के मंच से कहा कि विपक्ष एकता की कवायद चल रही है। आप लोगों के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। कई पार्टियां एकजुट होने के लिए तैयार हैं। बस आपके फैसले का इंतजार है। देश के हित में सोचेंगे तो आपको ही फायदा होगा और दोस्त को भी फायदा होगा।
नीतीश कुमार ने कांग्रेस से कहा कि हमको कुछ नहीं चाहिए। हम चाहते हैं सभी एकजुट होकर 2024 में भाजपा का सामना करें। हम पहले भी साथ चल रहे थे, आगे भी साथ चलेंगे। सलमान खुर्शीद सामने बैठे हैं। हम लोगों ने विपक्षी एकता के लिए जाकर दिल्ली में संदेश दे दिया था। अब हम लोग कांग्रेस का इंतजार कर रहे हैं।
दीपंकर ने भी नीतीश की बातों में जताई सहमति
भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज देश में संविधान खतरे में है। ऐसे में देश में जितनी विपक्षी पार्टियां हैं, उन सभी को एकजुट होना होगा और समय बहुत कम है। 2024 के चुनाव से पहले विपक्ष की एकता जरूरी है।
नीतीश कुमार का क्या है फार्मूला?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फार्मूला यह है कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद को लेकर कोई भी विवाद नहीं होना चाहिए। किसी एक चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल बस इस उद्देश्य से चुनाव लड़े कि भाजपा को हराना है और जब भाजपा हार जाएगी और विपक्षी एकता जीत जाएगी। नीतीश कुमार बार-बार कह रहे हैं कि कांग्रेस को फैसला लेना है और यदि कांग्रेस फैसला लेती है तो फिर विपक्ष की आगे की राह आसान हो जाएगी।