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‘भारत माता का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे’; हाईकोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को क्यों लगाई फटकार?

Bharat Mata Statue Controversy: भारत माता की मूर्ति हटाने को लेकर छिड़े विवाद में मद्रास हाईकोर्ट का फैसला आया है। तमिलनाडु पुलिस को फटकार लगाई गई है। साथ ही प्रदेश सरकार को एक आदेश दिया गया है। मामला भाजपा से जुड़ा है।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Nov 14, 2024 09:38
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murder case

Bharat Mata Statue Controversy: मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को फटकार लगाई है। मामला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यालय से ‘भारत माता’ का प्रतिनिधित्व करने वाली मूर्ति को हटाने का है। हाईकोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और प्रदेश सरकार को मूर्ति को भाजपा को वापस करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि निजी स्थान पर मामलों को नियंत्रित करना राज्य का काम नहीं है। भारत माता की मूर्ति हटाना उनका अपमान करने जैसा है। यह मामला निजी संपत्ति पर भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की सीमाओं से संबंधित एक दिलचस्प मुद्दा उठाता है। राज्य सरकार आदेश का पालन करे और पुलिस अपनी सीमाओं में रहकर ही जनसेवा और जनरक्षा करे।

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भविष्य में ऐसा नहीं करने की नसीहत

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति आनंद वेंकटेश ने फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि मेरे मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि भारत माता की मूर्ति को एक निजी संपत्ति से जबरन हटा दिया है, शायद कहीं और से दबाव के कारण, लेकिन यह कृत्य अत्यंत निंदनीय है और भविष्य में ऐसा कभी नहीं दोहराया जाना चाहिए। हम एक कल्याणकारी राज्य में रह रहे हैं, जो कानून के द्वारा शासित है। इसलिए, भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने वाले संवैधानिक न्यायालय द्वारा इस तरह की मनमानी को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इससे कहीं न कही भारत माता की अस्मिता को भी ठेस पहुंची है, इसलिए सरकार-पुलिस सतर्क रहे।

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भाजपा के तमिलनाडु सरकार पर आरोप

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा कार्यालय के लिए विरुधुनगर जिले में 2016 में एक प्रॉपर्टी खरीदी गई थी, जिसके अंदर हाथ में झंडा लिए भारत माता की एक मूर्ति भी स्थापित की गई थी। राज्य ने तर्क दिया था कि उन्होंने याचिकाकर्ता (भाजपा) को साल 2022 में उच्च न्यायालय के आदेश के दिशा-निर्देशों के आधार पर नोटिस जारी किया था कि किसी भी नेता की कोई नई मूर्ति स्थापित नहीं की जानी चाहिए और जिन मूर्तियों से अशांति पैदा होने की संभावना है, उन्हें अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। चूंकि भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, इसलिए समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए मूर्ति को हटा दिया गया और इसे राजस्व विभाग के कार्यालय में सुरक्षित रखा गया है।

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हाईकोर्ट जस्टिस ने दिया बड़ा बयान

भाजपा ने मूर्ति हटाने के बाद अदालत का रूख करते हुए कहा कि भारत माता ‘भारत’ का प्रतीक है और इसे एक राष्ट्र के प्रतीकात्मक स्वरूप में भाजपा कार्यालय में स्थापित किया गया था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके सरकार ने पुलिस को अवैध तरीके से भाजपा की निजी प्रॉपर्टी में घुसने और मूर्ति हटाने को मजबूर किया। न्यायमूर्ति वेंकटेश ने इस मामले में कहा कि कोई भी व्यक्ति होश में भी गंभीरता से यह तर्क नहीं दे सकता कि किसी की देशभक्ति और देश के प्रति प्रेम को व्यक्त करने से राज्य या समुदाय के हितों को खतरा होगा। किसी के बगीचे, घर में भारत माता की मूर्ति लगना निजी मंदिर बनाने जैसा है, जो देशभूमि के लिए आशा, एकता और सम्मान का प्रतीक है।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Nov 14, 2024 08:49 AM

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