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Bengaluru-Mysore Expressway पर संभलकर करें ड्राइविंग, 60 कैमरों से बचना मुश्किल

Bengaluru Mysore Expressway Features : अगर आप बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पर अपनी गाड़ी दौड़ाने वाले हैं तो सावधान हो जाएं। ऐसा न हो कि यातायात उल्लंघन मामले में आपका चालान कट जाए। इसे लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) अब एक्सप्रेसवे पर तीसरी आंख से नजर रख रहा है।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: May 16, 2024 14:29
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Bengaluru Mysore Expressway
Bengaluru-Mysore Expressway

Bengaluru Mysore Expressway : अगर आप बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पर ड्राइविंग करने जा रहे हैं तो संभल जाएं। कहीं गाड़ी की रफ्तार आपको मुसीबत में न डाल दे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने गाड़ी की स्पीड पर ब्रेक लगाने के इंतजाम कर लिए हैं। इस एक्सप्रेसवे पर 60 कैमरे लगाने की योजना है, जिनमें से अधिकांश कैमरे लग गए हैं, जिससे बचना मुश्किल है।

अक्सर देखने को मिलता है कि एक्सप्रेसवे पर वाहनों की स्पीड काफी अधिक रहती है, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में तेज गति से चलने वाले और दुर्घटनाओं का कारण बनने वाले वाहनों का पता लगाने के लिए बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पर 60 कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे निर्धारित सीमा से अधिक स्पीड चलाने वाले वाहनों को पहचान लेंगे और फिर ई-चालान कट जाएंगे।

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एक्सप्रेसवे पर लग चुके हैं 51 कैमरे

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द ट्रैफिक एंड सेफ्टी विंग ऑफ कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे के छह स्थानों पर 60 में से 48 कैमरे लगाए हैं, जो एएनपीआर (Automatic Number Plate Recognition) हैं। वहीं, एनएचएआई ने तीन अन्य स्पॉट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।

गाड़ी की स्पीड बढ़ी तो कट जाएगा ई-चालान

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ट्रैफिक, रोड सेफ्टी एंड ट्रैनिंग) आलोक कुमार ने बताया कि ये कैमरे एक वाहन को एक्सप्रेसवे पर एक स्थान से दूसरे स्थान के बीच यात्रा करने में लगने वाले समय का पता लगाएंगे। अगर गाड़ी कम समय में दूसरे स्थान पर पहुंच गई तो इसका मतलब है कि गाड़ी की स्पीड ज्यादा थी और फिर उस वाहन का ई-चालान कट जाएगा।

100 किमी प्रति घंटा की स्पीड निर्धारित है

उन्होंने कहा कि बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पर अधिकतम स्पीड लिमिट 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित है। चालकों से अनुरोध है कि वे अपनी गाड़ी की स्पीड ज्यादा न रखें। आपको बता दें कि दक्षिण भारत का यह पहला एक्सप्रेसवे है। इस एक्सप्रेसवे पर अक्सर हादसे और यातायात उल्लंघनों की खबरें आती रहती हैं। पिछले साल जुलाई में एनएचएआई ने इस एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा सुविधाओं की समीक्षा और निरीक्षण करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति भेजी थी।

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पीएम मोदी ने इस एक्सप्रेसवे का किया था उद्घाटन

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल मार्च में बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था। 119 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को बनाने में 8,408 करोड़ रुपये खर्च हुए। इस एक्सप्रेसवे पर 52 किमी ग्रीनफील्ड है। ट्रैफिक को कम करने के लिए पांच बाईपास बनाए गए हैं। इस परियोजना में 11 ओवरपास, 64 अंडरपास और 42 छोटे पुल बने हैं। एक्सप्रेसवे में छह लेन के साथ दोनों तरफ अतिरिक्त दो-लेन सर्विस रोड भी हैं।

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Written By

Deepak Pandey

First published on: May 16, 2024 02:29 PM

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