Bangal BJP against Mamata Benerjee: बंगाल में इस वक्त बीजेपी का चेहरा बन चुके और कभी ममता बनर्जी का सबसे खास माने जाने वाले शुभेन्दु अधिकारी पहले से ही ममता बनर्जी को इस मुद्दे पर घेर रखा है। बीजेपी नेता शुभेन्दु अधिकारी इससे पहले कई दफे कह चुके हैं कि चुनाव आने दें, एक-एक वोट की जांच कराई जाएगी और अवैध बांग्लादेशियों को राज्य से बाहर निकाला जाएगा। जिस तरह महाराष्ट्र और दिल्ली में चुनाव से पहले बड़ी संख्या में अचानक से वोटर बढ़ गए, उससे चुनाव नतीजों पर गहरा असर पड़ा और अब यही डर बंगाल में ममता बनर्जी को सता रहा है। यही वजह है कि ममता बनर्जी अभी से ही ये मुद्दा उठाना शुरू कर दिया है।
बीजेपी के चक्रव्यूह को तोड़ेंगे
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बताया कि मैं कार्यकर्ताओं से कहूंगा कि ममता बनर्जी के आंदोलन, कार्यकर्ताओं का त्याग और उनके प्रतीक्षा के जरिए आज टीएमसी वटवृक्ष बन गया है। जो लोग बूथ में बैठकर, जान देकर पोस्टर लगा रहे हैं। दीवारों पर लिख रहे हैं। रैलियों में चल रहे हैं। वही, लोग टीएमसी की असली संपत्ति है। जबतक आपलोग हैं, बीजेपी के चक्रव्यूह को हमने पहले भी तोड़ा है। आगे भी तोड़ते रहेंगे।
बंगाल में फर्जी वोटर का मुद्दा
ममता बनर्जी ने एक बार फिर बंगाल में फर्जी वोटर का मुद्दा उठाया है। अब सवाल ये भी है कि उससे बीजेपी पर कितना दबाव बनेगा और चुनाव में इसका टीएमसी को कितना फायदा मिलेगा ? ममता बनर्जी ने कहा है कि हरियाणा, पंजाब के लोगों को बंगाल का वोटर बनाया जा रहा है। इसके क्या मायने निकाले जाए और, क्या ममता बनर्जी को भी महाराष्ट्र और दिल्ली जैसा डर सताने लगा है ? कुलमिलाकर बंगाल में ‘दीदी’ ने फिर’खेला’ की तैयारी की है।
बंगाल में फिर से खेला होने का नारा
2021 में हुए पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के दौरान भी ममता बनर्जी ने ‘खेला होबे’ का नारा दिया था। उस चुनाव में बीजेपी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाई थी। बीजेपी के आक्रामक कैंपेन के बावजूद ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने टू थर्ड मेजोरिटी से भी ज्यादा 215 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही थी। उसके बाद से ही ये नारा देशभर में चर्चित हो गया था। ऐसे में अबकी बार बीजेपी, बंगाल में टीएमसी का किला फतह करने में कामयाब होती है या फिर ममता बनर्जी लगातार चौथी बार सत्ता पर काबिज होने में सफल रहती है। ये देखना दिलचस्प होगा।