Balasore Train Accident: ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम तीन ट्रेनों की टक्कर में अब तक 238 लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा अभी और बढ़ने की संभावना है। अब इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है यह हादसा क्यों और कैसे हुआ? क्या हादसे के पीछे कोई तकनीकी गड़बड़ी बड़ी वजह है या मानवीय चूक है?
फिलहाल रेल मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बचाव अभियान पूरा कर लिया गया है और बहाली का काम शुरू हो गया है। हम इस घटना की गहन जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
उधर, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने कहा कि हादसे के पीछे मानवीय चूक है या तकनीकी गड़बड़ी, यह जांच से पता चल सकेगा। हमारी पहली प्राथमिकता घायलों को अस्पताल में भर्ती कराना है। हाई लेवल जांच कमेटी का गठन किया गया है।
#WATCH ओडिशा: वीडियो बालासोर में रेल दुर्घटनास्थल से ANI के ड्रोन कैमरे का है जहां राहत और बचाव कार्य जारी है। #BalasoreTrainAccident pic.twitter.com/pjM5EufL1X
---विज्ञापन---— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 3, 2023
कैसे हुआ ट्रिपल ट्रेन हादसा?
कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकराने के बाद पटरी से उतर गई। तभी दूसरी ट्रेन यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट पटरी से उतरे डिब्बों में दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि पटरियों पर गिरने से पहले डिब्बे हवा में उछल गए। दोनों ट्रेनों के सत्रह डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। कोरोमंडल एक्सप्रेस चेन्नई के रास्ते में थी। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि बैक-टू-बैक दुर्घटनाएं कैसे हुईं, कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस मालगाड़ी के सामने कैसे आई?
#WATCH हमारी पहली प्राथमिकता घायलों को अस्पताल में भर्ती कराना है…यह हादसा मानवीय गलती से हुआ है या तकनीकी कारण से हुआ है इसके लिए हाई लेवल जांच कमेटी का गठन किया गया है: केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे, मुंबई#BalasoreTrainAccident pic.twitter.com/fKG3sgTCcJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 3, 2023
रूट पर नहीं था कवच
ट्रेन हादसों को रोकने के लिए रेल मंत्रालय सुरक्षा प्रणाली कवच पर काम कर रहा है। ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद इस सिस्टम पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, जब एक ट्रेन सिग्नल को पार करती है तो कवच प्रणाली में अलर्ट मिलता है। सिस्टम ट्रेन के ड्राइवर को अलर्ट कर देता है कि उसी ट्रैक पर दूसरी ट्रेन आ रही है।
रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा कि दुर्घटना में शामिल मार्ग पर कवच उपलब्ध नहीं था। कोरोमंडल एक्सप्रेस के सबसे अधिक प्रभावित हिस्से स्लीपर क्लास के डिब्बे थे।