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2016 से अब तक 4.8 लाख बैकलॉग रिक्तियां की गईं पूरी, केंद्र सरकार की पहल

Backlog Vacancy: सरकार ने बैकलॉग रिक्तियों को भरने के लिए मंत्रालयों को निर्देश दिए हैं, ताकि SC, ST, OBC वर्गों के लिए आरक्षित सीटें समय पर भरी जा सकें। इस पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लिखित जवाब दिया है।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Aug 8, 2025 13:07

Backlog Vacancy: भारत की रिजर्वड कैटेगरी जैसे SC, ST, OBC के लिए सरकारी नौकरियों में निर्धारित सीटों का एक निश्चित अनुपात रखा गया है। हालांकि, कुछ मामलों में, ये सीटें समय पर भरी नहीं जातीं, जिससे बैकलॉग वेकेंसी का संचय होता है। ये न केवल प्रशासनिक कार्य में बाधा उत्पन्न करते हैं, बल्कि सामाजिक न्याय की भावना को भी चोट पहुंचाते हैं। इस पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसमें एक अंतर है और उस अंतर को भरना एक निरंतर प्रक्रिया है। बैकलॉग भी इसका एक हिस्सा है।

सरकार का इस पर क्या कहना है?

कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने हाल ही में राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि वर्ष 2016 से केंद्र सरकार में लगभग 4.8 लाख बैकलॉग वैकेंसियां भरी गई हैं। यह एक निरंतर प्रक्रिया है और इसका विशेष रूप से निगरानी रखी जा रही है। सौंपे गए मंत्रालयों को क्या बताया गया है? सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उन्हें: अपनी-अपनी विभागों में बैकलॉग वैकेंसियों की पहचान करनी है। यह सुनिश्चित करें कि इन घाटों के पीछे कौन से कारण मौजूद है।

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मंत्रालयों को दिए गए निर्देश

सक्रिय राजस्व संग्रहण बैठक। इन पदों के लिए अधिकतम एक माह के भीतर साक्षात्कार आयोजित करें। एक आंतरिक समिति और एक संपर्क अधिकारी नामित करें। हर मंत्रालय को एक आंतरिक समिति कार्य वरिष्ठ सहायक या उससे ऊपर के एक अधिकारी को संपर्क अधिकारी बनाने का आदेश दिए गए हैं। हर मंत्रालय के लिए एक रिजर्वेशन सेल भी बनाया जाए। हर विभाग के लिए यह एक विशेष आरक्षण प्रकोष्ठ (Reservation Cell) बनाएं।

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सरकार की ये पहल क्यों बेहतर?

सरकार की इस पहल से भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और आरक्षित वर्गों के हितों की बेहतर सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। कई बार तकनीकी कारणों, पात्रता की कमी या प्रशासनिक जटिलताओं के कारण बैकलॉग रिक्तियां समय पर नहीं भर पाती थीं, जिससे सामाजिक न्याय की भावना प्रभावित होती थी। अब मंत्रालयों में गठित आंतरिक समितियां और संपर्क अधिकारी इन समस्याओं की नियमित निगरानी करेंगे और समय-समय पर रिपोर्टिंग करेंगे ताकि रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया तेज हो सके।

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First published on: Aug 08, 2025 01:07 PM

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