18 सितंबर को धरती के करीब से एक विशालकाय एस्टेरॉयड गुजरने वाला है. यह तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है और कुछ ही घंटों में यह पृथ्वी के बेहद करीब से होकर गुजरने वाला है. नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (CNEOS) और जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) की तरफ से इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है.
CNEOS और JPL द्वारा इस क्षुद्रग्रह पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. इस एस्टेरॉयड का आकार बेहद विशाल है और धरती के बेहद करीब से गुजरने के कारण इसकी काफी चर्चा हो रही है. इसका नाम FA22 रखा गया है और इसका व्यास 120 से 280 मीटर के बीच होने का अनुमान है. इसके आकार का अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि दिल्ली की ऐतिहासिक कुतुब मीनार 73 मीटर ऊंची है. इसका मतलब है कि इसका आकार कुतुब मीनार से बड़ा है.
18 सितंबर को धरती के सबसे करीब होगा
नासा की रिपोर्ट से पुष्टि होती है कि FA22 नाम का ये एस्टेरॉयड सूर्य के चारों ओर घूमता है और लगभग हर 1.85 वर्ष में एक चक्कर पूरा करता है. 18 सितंबर 2025 को यह पृथ्वी के सबसे करीब पहुंचेगा. इस दौरान इसके और पृथ्वी के बीच की दूरी लगभग 842,000 किलोमीटर होगी. यह चंद्रमा और पृथ्वी की दूरी का लगभग दोगुना है. हालांकि इस दूरी के बावजूद इसे एक बड़ी और महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जा रहा है.
इस एस्टेरॉयड की रफ्तार 24,127 मील प्रति घंटे (38,838 किलोमीटर प्रति घंटा) हो सकती है. NASA 85 मीटर से बड़े और पृथ्वी से 74 लाख किलोमीटर के दायरे से गुजरने वाले एस्टेरॉयड को संभावित रूप से खतरनाक एस्टेरॉयड की श्रेणी में रखता है. इस परिभाषा के अनुसार, FA22 खतरनाक श्रेणी में आता है. हालांकि अब तक के आंकड़ों के अनुसार, इस एस्टेरॉयड के धरती से टकराने की संभावना नहीं है.
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शुरुआत में यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि यह एस्टेरॉयड धरती के लिए खतरनाक साबित होगा या नहीं, लेकिन बाद में की गई जांच में यह स्पष्ट हो गया कि इससे धरती को कोई खतरा नहीं है. एस्टेरॉयड 2025 FA22 पृथ्वी से नहीं टकराएगा, फिर भी वैज्ञानिक इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं. हालांकि गुरुत्वाकर्षण और सौर विकिरण दबाव के कारण एस्टेरॉयड कई बार अपना रास्ता बदल लेते हैं और ऐसे में उन पर नजर रखना जरूरी होता है.