गुवाहाटी: असम में बाढ़ का प्रकोप कुछ कमा है। राज्य में अभी भी हजारों लोग अपने घर छोड़कर दूसरे जगह रहने को मजबूर हैं। बाढ़ ने राज्य के कई जिलों को अपनी चपेट में लिया है। प्रभाविक लोग सड़कों पर टेंट लगा कर रह रहे हैं। हालांकि ब्रह्मपुत्र व इसकी सहायक नदियों के जलस्तर में गिरावट आई है। जिससे बाढ़ का पानी घटा है।
बारपेटा सबसे ज्यादा प्रभावित
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, बाढ़ के पानी ने बारपेटा जिले में एक व्यक्ति की जान ले ली, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर छह हो गई। बारपेटा जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। प्रभावित जिलों में बजाली, बक्सा, बारपेटा, दरांग, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, कामरूप, लखीमपुर, नगांव, नलबाड़ी और तामुलपुर शामिल हैं।
अधिकारियों ने कहा कि बारपेटा सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 67,057 लोग प्रभावित हैं। इसके बाद बजाली में 41,280, लखीमपुर में 9,250 और नलबाड़ी जिलों में 2,963 लोग प्रभावित हुए हैं। फिलहाल राज्य में 115 राहत शिविरों में 713 लोग रह रहे हैं।
उजड़ गए आशियाने
राजीब तालुकदार और उनका परिवार उन बेघर ग्रामीणों में से है जो बजाली जिले के मेधिकुची गांव में एक तटबंध पर रहने को मजबूर हैं। पाहुमारा नदी के बाढ़ के पानी ने मेधिकुची गांव के तटबंध के एक बड़े हिस्से को तोड़ दिया और कम से कम सात घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
राजीब तालुकदार ने कहा कि बाढ़ में हमारा सबकुछ बह गया। अब मेरे पास कुछ नहीं है। हमने मजदूरी कर के घर बनाया था। लेकिन बाढ़ ने सब तबाह कर दिया। अगर सरकार मदद करती है तो फिर से घर बन पाएगा, नहीं तो अब घर बन पाना असंभव है।