Arvind Kejriwal Retweet Controversy: अगर आप भी बिना सोचे-समझे किसी भी ट्वीट को रीट्वीट कर देते हैं तो संभल जाइए। आपको मानहानि का मुकदमा भी झेलना पड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मानहानिक से जुड़े एक मामले में राहत नहीं दी है। आइए अब आपको पूरे मामले से रूबरू करवाते हैं…
हाई कोर्ट ने मानहानि मामले को रद्द करने से किया इनकार
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने बीजेपी आईटी सेल को लेकर यूट्यूबर ध्रुव राठी के एक ट्वीट को रीट्वीट करने के मामले में केजरीवाल के खिलाफ दायर मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है।
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी के बारे में भी अपमानजनक कंटेंट को रीट्वीट करना मानहानि के बराबर है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा- ”अरविंद केजरीवाल की अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है। उन्हें लाखों लोग फॉलो करते हैं। ऐसे में वे भी वीडियो को रीट्वीट करने के नतीजों को बेहतर समझते हैं।”
⚡️Big blow to Kejriwal⚡️
---विज्ञापन---Delhi High Court refused to quash the criminal defamation case filed against Delhi CM Arvind Kejriwal for re-tweeting a controversial video made by YouTuber Dhruv Rathi on BJP.
"Retweeting defamatory content does amount to defamation," the Court said. pic.twitter.com/f9CS2OBdWr
— Political Views (@PoliticalViewsO) February 5, 2024
मानहानि के कंटेंट को ही बढ़ावा देना
कोर्ट ने आगे इस मामले की गंभीरता पर प्रकाश डाला। कोर्ट ने कहा कि यदि कोई मुख्यमंत्री पद पर बैठा हुआ व्यक्ति किसी ट्वीट को बिना वेरिफाई किए ही रीट्वीट करता है तो यह एक तरह से मानहानि के कंटेंट को ही बढ़ावा देना है। हाई कोर्ट ने इसके साथ ही इस मामले में केजरीवाल को तलब करने के निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा है।
क्या है पूरा मामला?
यूट्यूबर ध्रुव राठी बीजेपी पर लगातार हमलावर हैं। उन्होंने कुछ साल पहले ‘बीजेपी आईटी सेल पार्ट 2’ शीर्षक वाला वीडियो ट्वीट किया था। इस वीडियो को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी रीट्वीट किया था। इस मामले में विकास सांकृत्यन उर्फ विकास पांडे नाम के शख्स ने मामला दर्ज करवाया था। पांडे ने कोर्ट का रुख किया था। विकास पांडे को पीएम नरेंद्र मोदी का समर्थक माना जाता है। वह सोशल मीडिया पेज आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी का संस्थापक भी हैं। ध्रुव राठी ने अपने वीडियो में विकास पांडे पर गंभीर आरोप लगाए थे।
फेक न्यूज के आरोपों को वापस लेने के लिए ऑफर
राठी का कहना था कि पांडे भाजपा आईटी सेल के दूसरे-इन-कमांड हैं। उन्होंने बिचौलिए के जरिए महावीर प्रसाद नाम के शख्स को 50 लाख रुपये देने का ऑफर दिया था। ये ऑफर महावीर प्रसाद की ओर से बीजेपी आईटी सेल पर लगातार लगाए जा रहे फेक न्यूज के आरोपों को वापस लेने के लिए दिया गया था। राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर इसे 10 मार्च, 2018 को अपलोड किया था। जिसका शीर्षक ‘बीजेपी आईटी सेल इनसाइडर इंटरव्यू’ रखा गया था। इस वीडियो का पार्ट 2 जारी करते हुए राठी ने गंभीर आरोप लगाए थे।
The Delhi High Court on Monday refused to quash the summons issued against Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal in a criminal defamation case for retweeting an allegedly defamatory video posted by YouTuber Dhruv Rathee in 2018.
Read more: https://t.co/RTi72fXDUf#DelhiHighCourt… pic.twitter.com/qhKaRf7aGk— Live Law (@LiveLawIndia) February 5, 2024
इसी वीडियो को केजरीवाल ने भी रीट्वीट किया था। इसी मामले को लेकर कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को इस मामले में निचली अदालत से राहत नहीं मिली थी। केजरीवाल ने अपनी दलील में ये भी कहा था कि पांडे की ओर से राठी या अन्य किसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है, सिर्फ दुर्भावना के चलते मुझ पर ही मुकदमा किया गया है। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया था। जिसके बाद हाई कोर्ट से भी उन्हें झटका लगा है।
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