जब बात देश की सुरक्षा की हो, तो हमारे जवान हर हाल में डटे रहते हैं। लेकिन इस बार एक बहादुर बेटी ने ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसे सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। बात हो रही है BSF की असिस्टेंट कमांडेंट नेहा भंडारी की, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान न केवल मोर्चा संभाला, बल्कि अपनी पूरी टीम को साहस और सूझबूझ के साथ नेतृत्व भी किया। गोलियों और धमाकों के बीच डटी रही ये बहादुर अफसर और अब उन्हें उनकी वीरता के लिए खुद सेना प्रमुख ने सम्मानित किया है।
फौजी परिवार की बहादुर बेटी बनी देश का गौरव
BSF की असिस्टेंट कमांडेंट नेहा भंडारी को 30 मई 2025 को उनकी बहादुरी और शानदार नेतृत्व के लिए सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी द्वारा सम्मानित किया गया। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की रहने वाली नेहा भंडारी एक फौजी परिवार से आती हैं। उनके दादा सेना में थे और माता-पिता दोनों ही CRPF में कार्यरत हैं। बचपन से ही नेहा को वर्दी पहनने का सपना था और साल 2022 में वह BSF में असिस्टेंट कमांडेंट बन गईं। महज तीन साल की सेवा में ही उन्होंने वह बहादुरी दिखाई, जिसने देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
बॉर्डर पर बहादुरी से निभाई जिम्मेदारी
नेहा भंडारी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जम्मू के अखनूर सेक्टर में इंटरनेशनल बॉर्डर पर तैनात थीं। उस समय पाकिस्तान की ओर से लगातार फायरिंग, ड्रोन हमले और मोर्टार बमबारी हो रही थी। नेहा ने अपनी पूरी कंपनी की कमान संभाली और महिला जवानों के साथ मोर्चे पर डटी रहीं। गोलियों की आवाज और धमाकों के बीच भी उन्होंने अपने सैनिकों का हौसला बनाए रखा और दुश्मन को करारा जवाब दिया। नेहा कहती हैं, ‘हमने एक सैनिक की तरह ड्यूटी निभाई, न कि एक महिला की तरह’
सेना प्रमुख ने सुंदरबनी सेक्टर में लिया तैयारियों का जायजा
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू के सुंदरबनी सेक्टर का दौरा भी किया और वहां तैनात जवानों से मुलाकात की। उन्होंने सैनिकों की तैयारियों का जायजा लिया और कहा कि सीमा पर तैनात जवान बेहद मुश्किल हालात में भी पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ देश की सेवा कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कमांडरों से सुरक्षा की स्थिति और चल रहे अभियानों की जानकारी ली और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की सराहना की।
सैनिकों को सतर्क और तैयार रहने की सलाह
सेना प्रमुख ने जवानों से कहा कि बदलती सुरक्षा स्थिति में हमेशा सतर्क, तैयार और एकजुट रहना जरूरी है। उन्होंने सैनिकों की मेहनत, साहस और जिम्मेदारी की तारीफ करते हुए उन्हें प्रेरित किया। असिस्टेंट कमांडेंट नेहा भंडारी को जो सम्मान मिला है, वह न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उनकी बहादुरी यह दिखाती है कि भारत की बेटियां भी देश की सीमाओं की सुरक्षा में किसी से कम नहीं हैं।