---विज्ञापन---

देश

Anil Ambani के ग्रुप पर 41900 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप, रिलायंस ने बताया शेयरों के दाम गिराने की कोशिश

कोबरापोस्ट ने अपनी जांच में दावा किया है कि अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने 2006 से ₹41,921 करोड़ की बड़ी वित्तीय गड़बड़ी की है. रिपोर्ट के अनुसार, समूह ने बैंक ऋण और बॉन्ड से जुटाए धन को शेल कंपनियों और ऑफशोर फर्मों के जरिए बाहर भेजा. इसमें 1.53 अरब डॉलर की विदेशी ट्रांजेक्शन का भी जिक्र है. हालांकि, रिलायंस एडीए समूह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें दुर्भावनापूर्ण और शेयर बाजार में गिरावट लाने की साजिश बताया है.

Author Written By: News24 हिंदी Updated: Oct 30, 2025 22:02
Anil Ambani
अनिल अंबानी की कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप

अनिल अंबानी के रिलायंस समूह पर गंभीर आरोप लगा है. कंपनी पर 2006 से हेराफेरी करके 41,921 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप है. हालांकि कंपनी ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि यह सब कंपनी के शेयरों को गिराने की कोशिश है. अनिल अंबानी की कंपनी पर धोखाधड़ी का दावा कोबरापोस्ट ने किया है. पोर्टल के अनुसार, यह पैसा बैंक से कर्ज, आईपीओ और बॉन्ड से जुटाकर समूह की लिस्टेड कंपनियों रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस होम फाइनेंस, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस कॉरपोरेट एडवाइजरी सर्विसेज से निकालकर प्रमोटर से जुड़ी संस्थाओं में भेज दिया गया.

कोबरापोस्ट के आरोप क्या हैं?

रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 13,000 करोड़ रुपये को शेल कंपनियों और ऑफशोर फर्मों के नेटवर्क के माध्यम से सिंगापुर, मॉरीशस, साइप्रस, ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह, अमेरिका और ब्रिटेन में भेजा गया. सिंगापुर स्थित कंपनी इमर्जिंग मार्केट इन्वेस्टमेंट्स एंड ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (EMITS) ने नेक्सजेन कैपिटल से 75 करोड़ डॉलर प्राप्त किए और बाद में इस रकम को रिलायंस इनोवेंचर्स को ट्रांसफर कर दिया गया. कोबरापोस्ट ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बताया है.

---विज्ञापन---

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पूरा मामला कंपनी अधिनियम, PMLA, FEMA, SEBI और आयकर कानूनों के उल्लंघन से जुड़ा हो सकता है. कोबरापोस्ट ने यह भी दावा किया कि उसकी जांच कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, SEBI, NCLT, RBI और विदेशी न्यायालयों के दस्तावेजों और आदेशों पर आधारित है.

जांच में कहा गया कि समूह की कंपनियों ने इस धन का इस्तेमाल निजी उपयोग के लिए किया. इसमें 2008 में करीब 2 करोड़ डॉलर की नौका (यॉट) की खरीद भी शामिल बताई गई. कोबरापोस्ट के मुताबिक, यह जाल घरेलू और विदेशी दोनों स्तरों पर बुना गया और ऑफशोर फर्मों के जरिए करोड़ों रुपये इधर-उधर किए गए.

---विज्ञापन---

रिलायंस समूह का जवाब

रिलायंस एडीए समूह ने कोबरापोस्ट के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यह रिपोर्ट भ्रामक, पुरानी और दुर्भावनापूर्ण इरादों से प्रेरित है. यह जानकारी पहले से सार्वजनिक है और इसकी जांच सीबीआई, ईडी और सेबी जैसी एजेंसियां पहले ही कर चुकी हैं. रिलायंस समूह ने कहा कि कोबरापोस्ट जैसे संगठन द्वारा ऐसे आरोप लगाना हमारी साख को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है. यह अभियान शेयर बाजार में दाम गिराने और निवेशकों को गुमराह करने के लिए चलाया गया है.

रिलायंस एडीए समूह ने आरोप लगाया कि यह प्रकाशन रिलायंस समूह, अनिल अंबानी और 55 लाख शेयरधारकों को बदनाम करने, दुष्प्रचार और चरित्र हनन के लिए जानबूझकर किया गया अभियान है. इसका उद्देश्य शेयर कीमतों को गिराना और रिलायंस समूह की संपत्तियों को हथियाने के लिए शेयर बाजारों में दहशत पैदा करना है.

First published on: Oct 30, 2025 10:01 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.