Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अप्रैल में ही शुरू हो चुके हैं। यात्रा से पहले यात्रियों के लिए कई जरूरी गाइडलाइन्स जारी की गई हैं, जिनके बारे में सभी श्रद्धालुओं को जानकारी होनी चाहिए। जैसा कि सब जानते हैं कि अमरनाथ यात्रा के दौरान बहुत चलना पड़ता है, इसके लिए पहाड़ों पर भी चढ़ाई करनी होती है। इसलिए यात्रियों से हेल्थ सर्टिफिकेट मांगा जाता है, ताकि उनकी हेल्थ कंडीशन का पता चल सके। यात्रा से जुड़ी पूरी गाइडलाइन्स श्राइन बोर्ड की आधिकारिक साइट पर दी गई हैं। किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए गाइडलाइन्स का पालन करना जरूरी है।
हेल्थ सर्टिफिकेट क्यों जरूरी?
तीर्थ यात्रा के दौरान बहुत सी मौतें भी होती हैं, उनमें से ज्यादातर मामले स्वास्थ्य से जुड़े होते हैं। जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है, यह काफी कठिन यात्रा होती है। दरअसल, पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए कई पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरना पड़ता है। इस तरह की चढ़ाई के लिए यात्रियों का स्वस्थ होना जरूरी है। यात्रा के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी न हो, इसके लिए ही यात्रियों से हेल्थ सर्टिफिकेट मांगा जाता है, लेकिन कई बार यात्रा पर जाने के लिए श्रद्धालु इन पर ध्यान नहीं देते हैं।
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पहाड़ चढ़ने में परेशानी से बचने के लिए क्या करें?
अमरनाथ यात्रा के दौरान पहाड़ों पर चढ़ना होता है, जिसकी तैयारी पहले से ही की जाती है। जुलाई में यात्रा शुरू होने वाली है, इसके लिए अभी से यात्रियों को तैयारी करनी शुरू कर देनी चाहिए। गाइडलाइन्स के मुताबिक, यात्रा से कम से कम एक महीने पहले हर दिन लगभग 4 से 5 किलोमीटर सुबह या शाम में वॉक करना शुरू करें। शरीर की ऑक्सीजन को स्थिर रखने के लिए व्यायाम और योग शुरू कर दें। अगर आपको पहले से किसी तरह की मेडिकल कंडीशन है, तो उसके लिए डॉक्टर से एक बार बात कर लें।
इसके अलावा, ऊंचाई पर होने वाली बीमारियों के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। शराब, कैफीनयुक्त पेय या स्मोकिंग न करें। अगर आपको ऊंचाई से जुड़ी बीमारी है, तो आगे न चढ़ें। इसके बजाय उसी समय ऐसी जगह पर पहुंचे, जहां आप सुरक्षित महसूस करें।
ध्यान देने वाली जरूरी बातें
महिला यात्रियों को यात्रा के दौरान साड़ी नहीं पहनने की सलाह दी जाती है। यात्रा के समय सलवार कमीज, पैंट-शर्ट या ट्रैक सूट पहनें, जिससे चलने में आसानी हो। इसके अलावा, 6 हफ्ते से ज्यादा की गर्भवती महिलाओं को यात्रा पर जाने की इजाजत नहीं दी जाती है। वहीं, 13 साल से कम उम्र के बच्चों और 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को तीर्थयात्रा की पर नहीं जाने दिया जाएगा। यात्रियों को नंगे पैर न चलने की सलाह दी गई है, इस दौरान केवल फीते वाले ट्रेकिंग शूज का ही इस्तेमाल करें।
यात्रा से पहले भोजन करना जरूरी
यात्रा के दौरान कई बार मौसम बदलता है, इसके लिए ऊनी कपड़े साथ में रखने जरूरी हैं। यात्रा शुरू करने से पहले थोड़ा खाना खा लेना बेहतर होता है। रास्ते में उल्टी होने के डर से खाना न छोड़ें, इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। पहाड़ों पर चढ़ाई के दौरान पानी की कमी और सिरदर्द की समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए खूब सारा पानी पिएं।
क्या नहीं करना है?
यात्रा के दौरान यात्री अपने साथ पॉलीथीन न लाएं, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में इसके इस्तेमाल पर पाबंदी है, यह कानून के तहत दंडनीय है। इसके अलावा, पवित्र गुफा में दर्शन करते समय शिवलिंग की तरफ सिक्के, करेंसी नोट, सजावटी चुन्नियां, पीतल के लोटे या अन्य कोई भी चीज फेंकने से बचना चाहिए। साथ ही बदलते मौसम और अधिक ऊंचाई को देखते हुए पवित्र गुफा में रात भर न रुकें बल्कि दर्शन करने बाद निकल आएं।
हेल्पलाइन नंबर
अगर फिर भी किसी तरह का मन में कोई सवाल है, तो यात्री 0191-2503399 और 0191-2555662 (जम्मू) 0194-2313146, 0194-2313147-49 (श्रीनगर), टोल फ्री नंबर- 180018071987, 18001807199 पर फोन कर सकते हैं। इसके अलावा, वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर भी जा सकते हैं, जहां श्रद्धालुओं को यात्रा से जुड़ी हर तरह की जानकारी मिल जाएगी।
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