Amarnath Yatra 2025: पहलगाम आतंकी हमले के बाद अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से निगरानी होगी। अमरनाथ यात्रा को लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दावा किया कि श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं होगी। हालांकि, यात्रा की तैयारी को लेकर दिल्ली से कश्मीर तक बैठकों का दौर जारी है। यात्रा की सुरक्षा को लेकर श्रीनगर में केंद्रीय गृह सचिव ने मंगलवार को तीसरी बड़ी बैठक की थी।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद 3 जुलाई से शुरू होने वाली आमरनाथ यात्रा सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। सवाल ये है कि क्या श्रद्धालु पहले की तरह आएंगे या उनके मन में कोई डर है? क्या डर की वजह से श्रद्धालु अपनी यात्रा स्थगित कर सकते हैं? यात्रा पर सरकार की चिंता और चुनौतियां दोनों बड़ी हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दावा किया कि श्रीअमरनाथ यात्रा पहले की तरह की कामयाब होगी और किसी को डरने की जरूरत नहीं है।
अमित शाह की देखरेख में सुरक्षा के इंतजाम
इस बार की अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा की तैयारी की बात की जाए तो सरकार और सुरक्षा एजेंसियां कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। यही वजह है कि खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सीधी देखरेख में सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने श्रीनगर में यात्रा की तैयारी पर सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक हाइलेवल बैठक की है। गृह सचिव ने बैठक में उन सभी पहलुओं की समीक्षा की है, जो गृह मंत्री अमित शाह ने इससे पहले अपनी बैठक में निर्देश दिए थे।
मिली जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह ने सभी अधिकारियों को इस बात के कड़े निर्देश दिए कि यात्रा पूरी तरह सुचारू रूप से चलनी चाहिए। सीमा पार से हो रही घुसपैठ पर पूरी तरह से कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही सेना और पुलिस का आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन को और तेज करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में खतरे की संभावना का मूल्यांकन करने, तैनाती रणनीतियों की समीक्षा और सुरक्षाबलों, खुफिया एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के बीच अंतर-एजेंसी समन्वय को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। गृह मंत्री ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया।
कब से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा?
अमरनाथ यात्रा इस बार 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, जिसका रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। खास बात ये है कि यात्रा का एक बेस पड़ाव अनंतनाग जिले के पहलगाम में होता है, जहां से यात्रा शुरू होती है।
जानकारी के मुताबिक, इस बार पूरी यात्रा को विशेष ड्रोन निगरानी में रखा जाएगा और जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। एक विशेष सीसीटीवी कंट्रोल रूम से पूरी यात्रा की निगरानी रखी जाएगी। इस बार अर्धसैनिक बलों की संख्या भी अमरनाथ यात्रा के पिछली बार से ज्यादा होगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने अमरनाथ यात्रा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की करीब 580 कंपनियों को तैनात करने का आदेश दिया है, जिनमें करीब 42,000 कर्मी जमीन पर तैनात होंगे। सुरक्षा के साथ-साथ अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रा मार्ग पर मेडिकल कैंप, खाने पीने और रुकने की उचित व्यवस्था के लिए राज्य सरकार और एलजी प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी किस्म की परेशानी का सामना न करना पड़े।