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देश के वो 7 कपल जो एक साथ पहुंचे संसद, 5 दिग्गजों की पारी आज भी जारी

देश में राजनीति के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। राजनीति में परिवारवाद और भाई-भतीजावाद के रंग आमतौर पर देखने को मिलते हैं। वहीं, भारत की राजनीति में कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां पति और पत्नी एक साथ संसद में नजर आए।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 24, 2025 15:18
Papu yadav Akhilesh Yadav

सियासत में कई ऐसे सियासी दिग्गज हुए हैं जो खुद तो सांसद बने ही उनकी पत्नी भी सांसद हुईं। 2024 के लोकसभा चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाली समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव की जोड़ी फिलहाल संसद में मौजूद है। लेकिन इससे पहले भी कई ऐसे कपल हुए जो अपनी पत्नी साथ संसद पहुंचे। इसमें पप्पू यादव और उनकी पत्नी रंजना यादव, पूर्व मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और उनकी पत्नी किशोरी सिन्हा, पूर्व पीएम चंद्रशेखर सिंह और उनकी पत्नी मनोरमा सिंह, एके गोपालन और सुशीला गोपालन समेत ये नाम शामिल हैं। आइए जानते हैं उन सियासी कपल के बारे में जो एक साथ संसद पहुंचे…

अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव

सियासी कपल में सपा मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव की चर्चा सबसे ज्यादा है, क्योंकि दोनों 18वीं लोकसभा के सदस्य हैं। अखिलेश यादव कन्नौज और डिंपल यादव मैनपुरी सीट से सांसद चुने गए हैं। इसके साथ ही अखिलेश यादव और डिंपल यादव एक साथ संसद पहुंचने वाले उत्तर प्रदेश के पहले कपल बन गए। अखिलेश और डिंपल इससे पहले 17 वीं लोकसभा के भी सदस्य बने थे, लेकिन दोनों अलग-अलग समय पर संसद पहुंचे थे। अखिलेश यादव ने 2022 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद पद से इस्तीफा दिया था और मुलायम सिंह के निधन के बाद उपचुनाव में डिंपल यादव मैनपुरी से सांसद बनी थीं। इससे पहले 2019 का चुनाव भी दोनों लड़े थे, लेकिन आजमगढ़ से अखिलेश तो जीत गए थे जबकि डिंपल को कन्नौज से भाजपा के सुब्रत पाठक से हार झेलनी पड़ी थी।

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पप्पू यादव और रंजीता रंजन यादव

पप्पू यादव और रंजीता रंजन बिहार की राजनीति के चर्चित नाम हैं। राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की लव लाइफ काफी फेमस रही है। पप्पू यादव की लव मैरिज हुई है। पप्पू यादव 18वीं लोकसभा में निर्दलीय सांसद के तौर पर बिहार के पूर्णिया से जीत दर्ज की, जबकि उनकी पत्नी रंजीता रंजन फिलहाल छत्तीसगढ़ से राज्यसभा की सांसद हैं। लेकिन, राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और रंजीता रंजन भी एक साथ लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। इस मामले में ये जोड़ी खास है क्योंकि एक ही सदन में ये जोड़ी दो बार साथ-साथ पहुंचीं और दोनों बार अलग-अलग दलों से चुनाव जीते। साल 2004 में पप्पू यादव बिहार की मधेपुरा सीट से आरजेडी की टिकट पर उपचुनाव जीते थे। वहीं, उनकी पत्नी रंजीता रंजन सहरसा से लोजपा की टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं। इसके बाद 2014 में भी पति-पत्नी की ये जोड़ी फिर से एकसाथ लोकसभा पहुंची और इस बार भी दोनों अलग-अलग दलों के सांसद बने। पप्पू यादव आरजेडी की टिकट पर मधेपुरा से सांसद चुने गए और रंजीता रंजन कांग्रेस के टिकट पर सुपौल से लोकसभा पहुंचीं।

चौधरी चरण सिंह और गायत्री देवी

सियासी कपल की लिस्ट में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और उनकी पत्नी गायत्री देवी का भी नाम शामिल है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह तीन बार लोकसभा चुनाव जीते। साल 1980 में वो उत्तर प्रदेश की बागपत लोकसभा सीट से चुनाव जीते। उसी दौरान उनकी पत्नी गायत्री देवी भी कैराना सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं। दोनों पति-पत्नी 7वीं लोकसभा के दौरान 1980 से 1984 तक एक ही सदन के सदस्य रहे थे।

मधु दंडवते और प्रमिला दंडवते

मराठी परिवार से आने वाले प्रोफेसर मधु दंडवते और उनकी पत्नी प्रमिला दंडवते का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। प्रोफेसर मधु दंडवते भारत के रेल मंत्री और वित्त मंत्री थे। वो साल 1971 से 1991 तक 5 बार लोकसभा सांसद चुने गए थे। 1980 के लोकसभा चुनाव में वो महाराष्ट्र से जनता पार्टी की टिकट पर राजापुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। वहीं, उनकी पत्नी प्रमिला दंडवते बॉम्बे नॉर्थ सेंट्रल सीट से जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं।

सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और किशोरी सिन्हा

बिहार के औरंगाबाद की रॉयल फैमिली से संबंध रखने वाले सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और और उनकी पत्नी किशोरी सिन्हा दो बार लोकसभा चुनाव एक साथ जीतकर संसद पहुंचे थे। सत्येंद्र नारायरण सिन्हा बिहार के औरंगाबाद जिले के एक शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्हें छोटे बाबू के नाम से भी जाना जाता था। सत्येंद्र नारायण सिन्हा ने 1952 में पहला चुनाव लड़ा था। वे कुल 6 बार लोकसभा चुनाव जीते थे, जबकि उनकी पत्नी किशोरी सिन्हा 1980 और 1989 लोकसभा में उनके साथ थीं। किशोरी सिन्हा वैशाली लोकसभा सीट से सांसद से चुनी गई थीं। 1980 में सत्येंद्र नारायरण सिन्हा और किशोरी सिन्हा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा) से सांसद चुने गए थे। जबकि 1989 में जनता पार्टी से चुनाव जीतकर एक साथ संसद पहुंचे थे।

एके गोपालन और सुशीला गोपालन

भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार केरल के दंपत्ति एक साथ सांसद चुने गए थे। स्वतंत्रता सेनानी रहे एके गोपालन नंबियार AKG के नाम से विख्यात थे और वो संसद में पहले नेता विपक्ष थे। चौथी लोकसभा लोकसभा (1967-1971) में एके गोपालन नांबियार और सुशीला गोपालन एक साथ जीत कर संसद पहुंचे थे। दोनों सीपीएम से सांसद चुने गए थे।एके गोपालन 1952 से 1977 तक पालघाट (केरल) से लगातार सांसद चुने जाते रहे थे।वहीं, एके गोपालन की पत्नी सुशीला गोपालन पहली बार 1967 में चिरयनकिल (केरल) से लोकसभा के लिए चुनी गई थीं। सुशीला एक प्रमुख मार्क्सवादी और ट्रेड यूनियनवादी थीं। दोनों CPI(M) की टिकट पर सांसद बने थे।

धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की जोड़ी भी पहुंची थी संसद, लेकिन अलग थे सदन

इनके अलावा बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र यादव और उनकी पत्नी हेमा मालिनी भी एक साथ सांसद रह चुके हैं। लेकिन दोनों के सदन अलग-अलग थे। धर्मेंद्र यादव 2004 में राजस्थान की लोकसभा सीट बीकानेर से सांसद चुने गए थे। जबकि मथुरा से मौजूदा सांसद हेमा मालिनी 2003 में राज्यसभा सांसद मनोनीत हुई थीं। बता दें कि 16 अक्टूबर 1948 को अम्मनकुड़ी वर्तमान में तमिलनाडु में जन्मी हेमा मालिनी बॉलीवुड के साथ राजनीति में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। फिल्मों में सफल होने के बाद 1981 में उन्होंने अभिनेता धर्मेन्द्र से विवाह किया था।

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Satyadev Kumar

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First published on: Mar 21, 2025 07:23 PM

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