Air Pollution in Delhi: वायु प्रदूषण की मार झेल रही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इसका खतरा बढ़ता ही जा रहा है। तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद भी यह कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो गई है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। राज्य सरकार ने नए नियम लागू किए हैं। राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए हॉटस्पॉट इलाकों में पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली सरकार द्वारा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का अगला चरण भी लागू कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी दिल्ली में प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। दिल्ली प्रदूषण के मामले में भारत के शहरों में पहले स्थान पर है।
इस बीच दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए आईआईटी कानपुर ने ‘कृत्रिम बारिश’ का प्रस्ताव दिया है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आईआईटी कानपुर के रिसर्चर प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए यहां कृत्रिम बारिश कराने का प्रस्ताव दिया है। बता दें कि राजधानी में सर्दियां शुरू होते ही हवा जहरीली हो जाती है। इसकी वजह आसपास के इलाकों में किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाना, हवा की गति का कम होना हैं। कृत्रिम बारिश होगी तो हवा में मौजूद धूल और प्रदूषक पानी के साथ जमीन पर नीचे आ जाएंगे।
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किया जा चुका है सफल परीक्षण
प्रोफेसर अग्रवाल के मुताबिक क्लाउड सीडिंग के लिए डीजीसीए की मंजूरी मिल गई है, लेकिन इसके लिए मौसम विज्ञान से जुड़ी हुई कुछ जरूरी परिस्थितियों की भी जरूरत होगी। रिपोर्ट के मुताबिक प्रमुख संस्थान पिछले पांच सालों से अधिक समय से कृत्रिम बारिश के लिए आवश्यक परिस्थितियां बनाने के लिए काम कर रहा है। जुलाई में इसका सफल परीक्षण भी किया जा चुका है। शोधकर्ताओं को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) सहित सरकारी अधिकारियों से क्लाउड सीडिंग के लिए जरूरी अनुमति मिल गई है। बता दें कि आज सीएम केजरीवाल दिल्ली सचिवालय में प्रदूषण को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। बैठक में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ कई बड़े अधिकारी भी मौजूद हैं।
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