एयर इंडिया विमान हादसे को एक महीने का समय हो गया है। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भर रही एअर इंडिया की बोइंग 787-8 विमान (फ्लाइट AI 171) टेकऑफ के तुरंत बाद एक मेडिकल हॉस्टल परिसर से टकरा गई थी। इस भीषण हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर्स शामिल थे। इस हादसे में केवल एक यात्री जीवित बचा था। AAIB की 15 पन्नों की रिपोर्ट सामने आ गई है, जिसमें पता चला है कि विमान ने सुबह करीब 08:08 बजे 180 नॉट्स की अधिकतम इंडिकेटेड एयरस्पीड (IAS) हासिल की। इसके तुरंत बाद इंजन-1 और इंजन-2 के फ्यूल कट-ऑफ स्विच (जो इंजन को ईंधन भेजते हैं) ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पोजिशन में चले गए और वो भी सिर्फ 1 सेकंड के अंतराल पर, जिससे इंजनों में ईंधन आना बंद हो गया और दोनों इंजन के N1 व N2 रोटेशन स्पीड तेजी से गिरने लगी और विमान हादसे का शिकार हो गया।
भयावह सदमे से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे विश्वास
इस हादसे में एक शख्स जिंदा बच गया था। कई लोग मानते हैं कि पिछले महीने की 12 तारीख को अहमदाबाद में एयर इंडिया के दुर्घटनाग्रस्त विमान में बचे एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश सबसे भाग्यशाली हैं, लेकिन फिलहाल वह इस भयावह सदमे से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
मनोचिकित्सक की ले रहे मदद
रमेश के रिश्ते के भाई ने बताया कि अब वह इस दर्दनाक अनुभव से उबरने के लिए दीव में रहकर मनोचिकित्सक की मदद ले रहे हैं। लंदन जाने वाला बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक 40 वर्षीय विश्वास एकमात्र यात्री थे, जो जीवित बचे हैं। रमेश के रिश्ते के भाई सनी ने बताया कि दुर्घटना के दृश्य, चमत्कारिक तरीके से बचने और भाई की मृत्यु की भयवाह तस्वीर अब भी उन्हें परेशान कर रही है। उन्होंने बताया कि विदेश में रहने वाले हमारे रिश्तेदारों समेत कई लोग विश्वास का हालचाल जानने के लिए हमें फोन करते हैं, लेकिन वह किसी से बात नहीं करते। वह अब भी दुर्घटना और अपने भाई की मौत के मानसिक आघात से उबर नहीं पाये हैं।
आधी रात को अचानक जाग जाते हैं रमेश
सनी ने बताया कि ‘वह अब भी आधी रात को जाग जाते हैं और उन्हें दोबारा सोने में दिक्कत होती है। हम उन्हें इलाज के लिए एक मनोचिकित्सक के पास ले गए थे। उन्होंने अब तक लंदन लौटने की कोई योजना नहीं बनाई है क्योंकि उनका इलाज अब शुरू हुआ है। रमेश को 17 जून को अहमदाबाद सिविल अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। उसी दिन, उनके भाई अजय का पार्थिव शरीर डीएनए मिलान के बाद परिवार को सौंपा गया था। रमेश और अजय, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश के अंतर्गत आने वाले दीव में अपने परिवार से मिलने के बाद एअर इंडिया की उड़ान से लंदन लौट रहे थे।