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क्या ब्लैक बॉक्स को भेजा जा रहा है अमेरिका, कौन करेगा जांच? मंत्रालय का आया बयान

Ahmedabad plane crash: अहमदाबाद में 12 जून को हुए एअर इंडिया के प्लेन क्रैश के सबूत सेव रखने वाले बॉक्स की जांच कौन करेगा, इसका फैसला एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) करेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि लोगों को किसी भी प्रकार की गलत अफवाह पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 19, 2025 20:35
Ahmedabad Plane Crash
कौन खोलेगा क्रैश का राज

Ahmedabad plane crash: 12 जून 2025 को अहमदाबाद में एअर इंडिया की फ्लाइट AI171 क्रैश हो गई थी, जिसमें 270 लोगों की जान चली गई। इस हादसे की जांच के लिए एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो AAIB ने तुरंत काम शुरू कर दिया था। इस जांच में प्लेन की सारी गतिविधियों को सेव रखने वाला ब्लैक बॉक्स मिल गया था। ब्लैक बॉक्स में फ्लाइट का सारा डेटा और पायलट्स की बातचीत रिकॉर्ड होती है। इस विमान में दो ब्लैकबॉक्स सेट थे, जिनमें डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) शामिल हैं। एक सेट 13 जून को और दूसरा 16 जून को क्रैश साइट से बरामद कर लिया गया है।

इस ब्लैक बॉक्स को लेकर कई सोशल मीडिया साइट्स पर अफवाह फैलाई जा रही थी कि ब्लैक बॉक्स को डेटा निकालने के लिए अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) को भेजा जाएगा, क्योंकि यह डैमेज हो गया है। हालांकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने साफ किया है कि ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है। AAIB पहले ब्लैक बॉक्स की स्थिति, तकनीकी जरूरतों और सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह तय करेगा कि डेटा कहां और कैसे डीकोड होगा। मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि इस गंभीर मामले में बिना पुष्टि के अफवाह न फैलाएं, ताकि जांच सही तरीके से हो सके।

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AAIB ने शुरू कर दी है जांच

AAIB ने 12 जून 2025 से ही जांच शुरू कर दी है। AAIB के डायरेक्टर जनरल इसकी अगुवाई कर रहे हैं। एक स्पेशल मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम बनाई गई है। इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के रूल्स के मुताबिक अमेरिका का NTSB और यूनाइटेड किंगडम का AAIB (UK) भी मदद के लिए अहमदाबाद पहुंचे हैं क्योंकि ये बोइंग 787 ड्रीमलाइनर अमेरिका में बना है, NTSB और बोइंग के एक्सपर्ट्स की हेल्प जरूरी है। जनरल इलेक्ट्रिक (इंजन बनाने वाली कंपनी), एयर इंडिया और भारतीय ऑफिशियल्स भी जांच में शामिल हैं।

AAIB ने क्रैश साइट से सबूत जमा कर लिए हैं और साइट का रिकॉर्ड बनाया है। अब ब्लैक बॉक्स डेटा की डिकोडिंग और बाकी टेक्निकल चीजों का एनालिसिस शुरू हो गया है। जांच में कुछ पहलुओं को देखा जा रहा है।

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जिनमें से पहला है कि क्रैश के टाइम इंजन ने ठीक काम किया या नहीं? इसके साथ ही टरबाइन ब्लैड्स की डैमेज चेक हो रहा है। CVR से पता चलेगा कि कैप्टन सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर ने क्या कहा, और कोई इमरजेंसी अलार्म बजा था या नहीं। DFDR से प्लेन की हाइट, स्पीड और कंट्रोल सेटिंग्स की डिटेल्स मिलेंगी। प्लेन का पुराना मेंटेनेंस, पायलट्स की ट्रेनिंग और सिम्युलेटर परफॉर्मेंस चेक हो रहा है। मौसम, एयरपोर्ट के पास की बिल्डिंग्स और बाकी चीजों की भी जांच हो रही है।

ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड होती हैं ये सारी चीजें

ब्लैक बॉक्स किसी भी विमान हादसे की जांच में सबसे जरूरी होता है। इसमें दो हिस्से होते हैं। पहला डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) होता है। यह विमान की स्पीड, ऊंचाई, दिशा और इंजन की जानकारी रिकॉर्ड करता है। दूसरा इसमें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)होता है। यह पायलट्स की बातचीत और कॉकपिट की आवाजें रिकॉर्ड करता है। ये दोनों मिलकर हादसे के कारणों को समझने में मदद करते हैं। इस मामले में, दोनों ब्लैक बॉक्स सेट बरामद हो चुके हैं।

पायलट ने की थी Mayday कॉल

मंत्रालय ने बताया कि टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद कैप्टन सुमीत सभरवाल ने ‘Mayday, Mayday’ का इमरजेंसी कॉल किया था। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार कैप्टन सभरवाल ने ‘नो पावर, नो थ्रस्ट’ भी कहा, यानी इंजन में दिक्कत थी लेकिन CVR डेटा चेक करने के बाद ही ये कन्फर्म होगा। मंत्रालय ने कहा कि क्रैश से पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से कॉन्टैक्ट टूट गया था।

मिलेगी ग्लोबली हेल्प

ICAO रूल्स के तहत इस जांच में अमेरिकी एजेंसियां भी शामिल होंगी क्योंकि प्लेन अमेरिका में बना है। इस कारण NTSB भी अपनी जांच कर रहा है। NTSB ने क्रैश साइट का सर्वे किया और डेटा एनालिसिस में हेल्प कर रहा है। यूनाइटेड किंगडम की चार इन्वेस्टिगेटर्स की टीम भी जांच में शामिल हैं, क्योंकि प्लेन में 53 ब्रिटिश पैसेंजर्स थे। बोइंग और फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) के लोग भी साइट पर जांच के लिए आए हैं। बोइंग के सीईओ केली ऑर्टबर्ग ने कहा कि कंपनी AAIB की जांच में पूरा सपोर्ट देगी।

सरकार भी कर रही है जांच

मंत्रालय ने हादसे की बड़ी जांच के लिए एक हाई-लेवल कमेटी बनाई है, जिसके हेड गृह सचिव गोविंद मोहन हैं। ये कमेटी हादसे की वजह ढूंढेगी और फ्यूचर में ऐसे हादसे रोकने के लिए नए रूल्स सुझाएगी। कमेटी तीन महीने में अपनी पहली रिपोर्ट देगी।

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एयर इंडिया के सारे बोइंग 787-8 और 787-9 (टोटल 34 प्लेन) की एक्स्ट्रा सेफ्टी चेकिंग के ऑर्डर दिए हैं। इसमें इंजन फ्यूल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल्स और टेम्परेचर मॉनिटरिंग सिस्टम चेक हो रहे हैं। अब तक 24 प्लेन चेक हो चुके हैं और कोई बड़ी प्रॉब्लम नहीं मिली है।

एअर इंडिया भी कर रही है सपोर्ट

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि सरकार और मंत्रालय पीड़ितों के साथ खड़े हैं। उन्होंने जांच में पूरी ट्रांसपेरेंसी और पैसेंजर्स की सेफ्टी को टॉप प्रायोरिटी देने का भरोसा दिया है। एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने कहा कि एयरलाइन जांच में फुल सपोर्ट दे रही है और पीड़ितों के परिवारों की हर मुमकिन हेल्प कर रही है।

ड्रीमलाइनर का है पहला डेडली क्रैश

ये बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला डेडली क्रैश है, जिसने ग्लोबल एविएशन इंडस्ट्री का अटेंशन खींचा है। जांच के रिजल्ट्स न सिर्फ एअर इंडिया, बल्कि पूरी दुनिया में बोइंग 787 के ऑपरेशन्स को इम्पैक्ट कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्लैक बॉक्स डेटा से जल्दी कुछ क्लूज मिल सकते हैं, लेकिन हादसे की असली वजह जानने में टाइम लगेगा।

मंत्रालय ने फिर अपील की कि लोग इस केस में गलत गेस न लगाएं और AAIB को जांच पूरी करने दें। सरकार और एविएशन इंडस्ट्री इस हादसे से सीख लेकर फ्यूचर में ऐसे क्रैश रोकने के लिए कमिटेड हैं।

ये भी पढ़ें- Explainer: अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच करने क्यों आईं विदेशी एजेंसियां, जानिए क्या है इसके पीछे का कारण?

First published on: Jun 19, 2025 08:19 PM

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