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मुस्लिम शासकों ने सिर्फ 80 मंदिर तोड़े…ओवैसी का बड़ा दावा, PM मोदी और CM योगी पर भी साधा निशाना

AIMIM Asaduddin Owaisi Claim 80 Temples destroyed: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के एक बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। ओवैसी का दावा है कि मुस्लिम शासन के दौरान भारत में सिर्फ 80 मंदिर तोड़े गए थे। ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी घेरा है।

Author Edited By : Sakshi Pandey Updated: Mar 2, 2025 10:29
AIMIM Asaduddin Owaisi

AIMIM Asaduddin Owaisi Claim 80 Temples destroyed: मंदिर और मस्जिद की लड़ाई में अब AIMIM प्रमुख असुद्दीन ओवैसी की भी एंट्री हो गई है। ओवैसी ने अमेरिकी इतिहासकार रिचर्ड एम एटन की किताब का हवाला देते हुए कहा कि मुस्लिम शासन के दौरान भारत में केवल 80 मंदिर तोड़े गए थे। ओवैसी का यह बयान सोशल मीडिया पर बहस का विषय बन गया है।

ओवैसी का दावा

ओवैसी का कहना है कि वो मीडिया में अक्सर कहते फिरते हैं कि 400 साल पहले कई मंदिर तोड़े गए थे। रिचर्ड एम एटन ने अपनी किताब ‘Temple Desecration and the Muslim States in Medival India’ में लिखा है कि 11वीं शताब्दी से 1600 ईसवीं तक सिर्फ 80 मंदिर तोड़े गए थे।

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हिन्दू राजाओं पर उठाए सवाल

ओवैसी ने शुंगा वंश के राजा पुष्यमित्र शुंगा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने बौद्ध धर्म के हजारों पूजास्थलों को तुड़वाया था। क्या आप उसपर फिल्म बनाएंगे? 1640 ईसवीं में पल्लव राजा नरसिम्हवर्मन 1 ने चालुक्या की राजधानी वातापी से गणेश भगवान की मूर्ति चुरा ली थी। चीनी ट्रैवलर ह्यून सांग ने अपनी किताब में लिखा है कि पाल वंश के राजा शशांक ने बोधी वृक्ष को नष्ट करवाया था।

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PM मोदी को दी सलाह

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुगलों ने धर्म का इस्तेमाल सिर्फ अपने साम्राज्य को बढ़ाने में किया है। लोग चाहते हैं मैं इस पर कुछ बोलूं, मुझे मुगलों से क्या लेना-देना है? वो शासक थे और शासक का कोई धर्म नहीं होता। ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर उन्हें सचमुच छत्रपति संभाजी महाराज से हमदर्दी है तो उन्हें मराठा आरक्षण का ऐलान कर देना चाहिए।

CM योगी पर उठाए सवाल

बता दें कि ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उर्दू भाषा वाले बयान पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। ओवैसी का कहना था कि यह साफ है सीएम योगी उर्दू नहीं जानते हैं। मगर वो वैज्ञानिक क्यों नहीं बने, इसका जवाब वो खुद ही दे सकते हैं। वो जिस विचारधारा से आते हैं, वहां से किसी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा नहीं लिया था। वो गोरखपुर से ताल्लुक रखते हैं। रघुपति सहाय ‘फिराक’ भी गोरखपुर से ही हैं। उनका नाम मशहूर उर्दू कवियों में शुमार है। वो मुस्लिम नहीं थे।

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First published on: Mar 02, 2025 10:29 AM

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