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AIIMS और चंडीगढ़ PGI फैकल्टी एसोसिएशन ने दी चेतावनी, नहीं पूरी हुई मांग तो करेंगे प्रदर्शन

AIIMS नई दिल्ली और PGI चंडीगढ़ की फैकल्टी एसोसिएशनों ने रोटेटरी हेडशिप नीति के लागू न होने पर गहरी नाराजगी जताई है। चेतावनी दी है कि 1 मई 2025 से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा यदि नीति लागू नहीं हुई।

Author Written By: Pallavi Jha Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Apr 18, 2025 22:28

AIIMS नई दिल्ली और PGI चंडीगढ़ की फैकल्टी एसोसिएशनों ने अपने-अपने संस्थानों में लंबे समय से लंबित रोटेटरी हेडशिप नीति को लागू न किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। AIIMS की जनरल बॉडी मीटिंग 16 अप्रैल 2025 को और PGI चंडीगढ़ फैकल्टी एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग 17 अप्रैल 2025 को आयोजित की गई थी, जिसमें सर्वसम्मति से यह मत व्यक्त किया गया कि रोटेटरी हेडशिप प्रणाली तथा कोलेजियम सिस्टम दोनों ही संस्थानों में न्यायपूर्ण, पारदर्शी और लोकतांत्रिक प्रशासनिक संरचना के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

एसोसिएशनों का कहना है कि वर्ष 2023 में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा औपचारिक रूप से यह घोषणा की गई थी कि AIIMS नई दिल्ली और PGI चंडीगढ़ में जून 2024 से रोटेटरी हेडशिप नीति लागू की जाएगी। लेकिन लगभग एक वर्ष बीत जाने और फैकल्टी संगठनों द्वारा बार-बार निवेदन किए जाने के बावजूद इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पर समय नहीं देने का आरोप

आरोप है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से कई बार संवाद हो चुका है, परंतु अब तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दोनों एसोसिएशनों को मिलने का समय नहीं दिया है और इसे लगातार अनुचित रूप से टाला जा रहा है।

इस उदासीनता को देखते हुए दोनों फैकल्टी एसोसिएशनों ने 17 अप्रैल 2025 से 14 दिन की समयसीमा तय की है, जिसके भीतर इस नीति के क्रियान्वयन की चेतावनी दी गई है। कहा गया है कि यदि ऐसा नहीं होता है, तो 1 मई 2025 से चरणबद्ध विरोध प्रदर्शन प्रारंभ किए जाएंगे। पहले महीने में सभी काली पट्टी पहनकर विरोध करेंगे, जबकि दूसरे महीने में भूख हड़ताल की जाएगी। इसके बाद भी यदि संज्ञान नहीं लिया गया, तो विरोध का तरीका और कठोर कर दिया जाएगा।

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‘हम एकजुट हैं’

साझा बयान में कहा गया है कि दोनों एसोसिएशन संस्थानों की गरिमा, नेतृत्व में समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट हैं। इसके साथ ही मांग की गई है कि सरकार अपनी ही घोषित प्रतिबद्धता का सम्मान करे और फैकल्टी को आंदोलन के लिए विवश न करे, विशेषकर जब यह नीति पहले ही घोषित की जा चुकी है।

बता दें कि रोटेटरी हेडशिप का मतलब है कि किसी विभाग या संगठन में नेतृत्व का पद एक व्यक्ति द्वारा स्थायी रूप से नहीं लिया जाएगा बल्कि इसकी जगह योग्य व्यक्तियों को बारी-बारी से अवसर दिया जाता है।

First published on: Apr 18, 2025 10:28 PM

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