गत जून में अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुए भीषण विमान हादसे में सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय और जांच एजेंसियों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, और शीघ्र जांच सुनिश्चित करने के सीमित उद्देश्य के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में कई अहम जानकारियों को छिपाया गया है। एअर इंडिया प्लेन क्रैश की कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सिविल एविएशन मंत्रालय,डीजी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ,और DGCA को नोटिस जारी कर मांगा जवाब मांगा है।
बता दें कि गत 12 जून को हुई इस दुर्घटना में यात्री, चालक दल और जमीन पर मौजूद 265 लोगों की मौत हो गई थी। विमान में केवल एक व्यक्ति जिंदा बचा था। प्लेन अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
जांच पर उठे गंभीर सवाल
याचिकाकर्ता की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि दुर्घटना को 100 दिन से ज्यादा दिन हो गए हैं। अब तक जो कुछ भी हुआ है, वह प्रारंभिक रिपोर्ट है। लेकिन इसमें यह नहीं बताया गया है कि क्या हुआ है या क्या हो सकता है और क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए। इसका परिणाम यह है कि इन बोइंग विमानों में यात्रा करने वाले सभी यात्री आज खतरे में यात्रा कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: अहमदाबाद प्लेन क्रैश मामले में सामने आई बड़ी गलती, परिजनों को सौंप दिया गलत शव!
जांच कमेटी पर भी उठे सवाल
प्रशांत भूषण ने कहा कि अधिकारियों ने दुर्घटना की जांच के लिए पांच सदस्यों की एक टीम नियुक्त की थी, जिनमें से तीन DGCA में काम करते हैं। प्रशांत भूषण ने कहा कि इससे हितों का गंभीर टकराव पैदा होता है। सवाल उठाया कि डीजीसीए के अधिकारी, जिनकी भूमिका जांच के दायरे में आने की संभावना है, ये लोग जांच दल का हिस्सा कैसे हो सकते है।
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर उठे सवाल
कैप्टन अमित सिंह के नेतृत्व वाले विमानन सुरक्षा एनजीओ ‘कॉन्स्टिट्यूशन बाय सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन’’ की ओर से यह याचिका दायर की गई है। याचिका में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि इस रिपोर्ट में कई अहम जानकारियों को छुपाया गया है और दुर्घटना की पूरी जिम्मेदारी पायलट पर डाल दी गई है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि निष्पक्ष जांच की बात तो समझ में आती है, लेकिन याचिकाकर्ता ने इतनी सारी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग क्यों की हैं।
यह भी पढ़ें: Air India Plane Crash Update: फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच पूरी, एयर इंडिया ने जारी की नई रिपोर्ट