Agniveer Akshay Laxman Martyr in Siachen: भारतीय सेना के जवान मैदानी जमीन के साथ- साथ दुर्गम और हजारों फीट ऊंचे पहाड़ों पर भी मुस्तैद रहते हैं। देश की सेवा की करते हुए कई बार जवान अपनी जान का बलिदान दे देते हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला सियाचिन से सामने आया है। 20 हजार फीट ऊंचे सियाचिन में एक ऑपरेशन के दौरान अग्निवीर ने बलिदान दे दिया है।
फायर एंड फ्यूरी कोर का थे हिस्सा
अग्निवीर की पहचान अक्षय लक्ष्मण के रूप हुई है। इस बात की जानकारी समाचार ANI ने दी है। ANI के अनुसार, सियाचिन के चोटी में पर तैनात अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई है। ड्यूटी के दौरान जान गंवाने अक्षय लक्ष्मण पहले अग्निवीर है। अग्निवीर लक्ष्मण भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर का हिस्सा थे।
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अग्निवीर के बलिदान को सेना का सलाम
अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण श्रद्धांजलि देते हुए भारतीय सेना ने ऑफिशियल X हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया। इस पोस्ट में भारतीय सेना ने अक्षय लक्ष्मण को ड्यूटी के दौरान जान गंवाने पहला अग्निवीर बताया। हालांकि सेना ने अक्षय लक्ष्मण के नाम के आगे शहीद नहीं लिखा। पोस्ट में सेना ने बताया कि अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स का हिस्सा थे। भारतीय सेना ने पोस्ट में लिखा कि “सेना सियाचिन की कठिन ऊंचाइयों पर ड्यूटी के दौरान जान गवांने वाले अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है।”
शहीद का दर्जा देने को लेकर विवाद
बता दें कि, अग्निवीरों की मौत को शहीद का दर्जा देने को लेकर पिछले दिनों काफी विवाद हुआ था। जब 11 अक्टूबर को कश्मीर की LoC पर तैनात अग्निवीर अमृतपाल सिंह की मौत हुई थी, उस समय भारतीय सेना ने इस मौत को सुसाइड माना था और इसी वजह से सेना ने उन्हें राजकीय सम्मान नहीं दिया। वहीं, अग्निवीर के परिवार का कहना था कि उनके बेटे की मौत ड्यूटी दौरान हुई है और वो आत्महत्या नहीं कर सकता है। इस पर काफी समय तक विवाद चलता रहा।