China On Pakistan: गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने के एक दिन बाद चीनी विदेश मंत्री किन गांग (Qin Gang) शुक्रवार को पाकिस्तान के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। इस दौरान चीन के विदेश मंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर एक बार फिर पाकिस्तान का साथ दिया।
चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में कश्मीर मुद्दे को उठाया और कहा कि कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिक सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार ठीक से और शांति से हल किया जाना चाहिए।
जयशंकर ने पूछा- पीओके कब खाली करोगे?
चीन और पाकिस्तान के इस संयुक्त बयान से पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई थी। जयशंकर ने कहा था कि पड़ोसी देश (पाकिस्तान) को जवाब देना चाहिए कि वे जम्मू और कश्मीर के अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्र को कब खाली करेंगे? जयशंकर ने कहा कि भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।
इस्लामाबाद में ‘पाकिस्तान-चीन सामरिक वार्ता’ के चौथे दौर के समापन पर दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान जारी किया। इसी दौरान चीन ने शनिवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए। पाकिस्तान के दो दिवसीय दौरे पर आए किन गैंग ने शनिवार को अपने पाकिस्तानी समकक्ष बिलवल भुट्टो जरदारी के साथ बैठक की अध्यक्षता की। यह उनकी देश की पहली यात्रा है।
भारत के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया का इतंजार
कश्मीर पर चीन-पाकिस्तान के संयुक्त बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) की आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार है। बता दें कि गोवा में 4 और 5 मई को आयोजित एससीओ की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा था।
जयशंकर ने भारत की ओर से श्रीनगर में जी-20 बैठकों की मेजबानी करने पर आपत्ति जताने के लिए भी पड़ोसी देश की आलोचना की। एस जयशंकर ने एससीओ की बैठक में कहा, “उनका जी-20 से कोई लेना-देना नहीं है, यहां तक कि श्रीनगर और कश्मीर से भी कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें जवाब देना चाहिए कि वे जम्मू-कश्मीर के अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों को कब खाली करेंगे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का हिस्सा था, है और रहेगा।”
इस साल मार्च में बिलवल भुट्टो जरदारी ने स्वीकार किया था कि संयुक्त राष्ट्र परिषद में पाकिस्तान के ‘कश्मीर’ एजेंडे को कोई स्वीकार नहीं कर रहा । बिलावल भुट्टो ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे के ‘केंद्र’ में लाने के लिए इस्लामाबाद को काफी मशक्कत करना पड़ रहा है।