अमेरिका, अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश में है. उन्होंने पहले ही कहा था कि अमेरिका को अफगानिस्तान छोड़ते समय इन बातों का ख्याल रखना चाहिए था. अभी कुछ दिन पहले ही ब्रिटेन की यात्रा पर पहुंचे ट्रंप ने फिर से कहा कि वह अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि अगर ऐसा नहीं होता है तो अफगानिस्तान को इसके परिणाम भुगतने होंगे. अब अफगानिस्तान की तरफ से इस पर जवाब आ गया है.
अफगानिस्तान ने क्या जवाब दिया है?
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने बगराम एयरबेस पर नियंत्रण वापस लेने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर कहा है कि अफगानिस्तान की एक मीटर भी जमीन अमेरिकियों को नहीं दी जाएगी. अफगानिस्तान में मौजूद तालिबान सरकार ने बगराम एयरबेस को वापस करने की मांग ठुकरा दी है और कहा है कि देश की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता सर्वोपरि है.
एक बयान में अफगानिस्तान की तरफ से कहा गया है कि अमेरिका को दोहा समझौते के तहत वचन निभाना चाहिए, जिसमें अफगानिस्तान की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की गारंटी दी गई थी. साथ ही यह भी कहा गया कि अतीत की असफल नीतियों को दोहराने के बजाय यथार्थवादी और विवेकपूर्ण दृष्टिकोण अपनाना चाहिए.
क्यों है इस एयरबेस को लेकर विवाद?
बता दें कि अमेरिका बगराम बेस पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रहा है. यह एयरबेस तालिबान सरकार के कब्जे में है. साल 2021 में अमेरिका और उसके सहयोगी सैनिक वहां से चले गए थे. इसके बाद तालिबान सत्ता में है. वहीं अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने कहा कि हम अमेरिका को बता देना चाहते हैं कि हम अगले 20 साल लड़ने के लिए तैयार हैं लेकिन हम अपनी जमीन नहीं देंगे.
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दरअसल, इस एयरबेस का निर्माण अमेरिका के द्वारा ही कराया गया था लेकिन साल 2021 में जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान को छोड़कर गई तो यहां पर हथियार और सामान रह गए. अब डोनाल्ड ट्रंप इसे बाइडेन की बड़ी गलती बताते हुए वापस करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अफगानिस्तान इससे इनकार कर रहा है. ट्रंप का कहना है कि चीन की सीमा के बने इस एयरबेस के इर्द-गिर्द ड्रैगन की मौजूदगी बढ़ गई है.