Adani Row: सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अडाणी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग फर्म की रिपोर्ट से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं (PIL) पर सुनवाई करेगा। PIL में हिंडनबर्ग रिसर्च को साजिश करार देते हुए इसकी जांच अदालत की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई है।
PIL वकील एमएल शर्मा और विशाल तिवारी की ओर से दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म की रिपोर्ट से अडाणी के शेयरों में भारी गिरावट हुई है और निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है।
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विशाल तिवारी ने याचिका में क्या कहा?
विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने देश की छवि को धूमिल किया है। यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। वहीं, एमएल शर्मा की याचिका में दावा किया गया है कि रिपोर्ट के बाद बाजारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। याचिका में ये भी दावा किया गया है कि हिंडनबर्ग के संस्थापक नाथन एंडरसन रिपोर्ट को लेकर अपने दावों का प्रमाण देने में विफल रहे थे।
बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी समूह से जुड़े कंपनियों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना भी साधा है। तृणमूल, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और शिवसेना (महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के गुट) समेत कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अडाणी के खिलाफ आरोपों की जांच की मांग करते हुए लगातार संसद में हंगामा किया है।
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विपक्षी लगातार जांच की कर रहा है मांग
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली टीम से कराने की मांग की है। विपक्षी नेताओं ने जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक जैसे सार्वजनिक वित्तीय निकायों के ‘बड़े जोखिम’ को भी चिन्हित किया है, जिन्होंने अडानी के शेयरों में निवेश किया है।
मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुजरात के अरबपति गौतम अडाणी ग्रुप की संपत्ति में तेजी से हुई बढ़ोतरी को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला किया था।
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