स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर 17 छात्राओं ने बाबा चैतन्यानंद पर यौन उत्पीड़न, अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करने, डराने और जबरन छूने जैसे आरोप लगाए हैं. ये छात्राएं दिल्ली के श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च (एसआरआईएसआईआईएम) की हैं. बता दें कि यह संस्थान कर्नाटक के श्रृंगेरी शारदा पीठम से जुड़ा है.
स्कूल के एक पूर्व छात्र पर खुलासा किया है कि कैसे संस्थान में प्रवेश के समय छात्राओं को लुभावने ऑफर दिए जाते थे। पूर्व छात्र ने खुलासा किया कि प्रवेश के समय छात्राओं को विदेश में इंटर्नशिप, कम फीस जैसे कई ऑफर देते थे। इससे छात्राएं संस्थान के झांसे में आ जाती थीं।
पूर्व छात्र ने बताया संस्थान का तरीका
नाम न बताने की शर्त पर एसआरआईएसआईआईएम के पूर्व छात्र ने खुलासा किया है कि एडमिशन के समय से ही संस्थान का मिशन शुरू हो जाता था। एडमिशन के समय ही छात्रों से मार्कशीट जैसे अहम डाक्यूमेंट जमा करा लिए जाते थे। इससे बाद में कोई समस्या पर कोई विरोध भी नहीं कर पाता था। छात्रों के पास कोई विकल्प नहीं होता था। पूर्व छात्र ने बताया कि बैच शुरू होते समय छात्राओं की छंटनी शुरू हो जाती थी। शिक्षक छात्राओं की अलग अलग तरह से छंटनी करते थे। इसके बाद छात्राओं को विदेश में इंटर्नशिप, स्कॉलरशिप, फीस में छूट जैसे ऑफर दिए जाते थे। छात्राएं अपना भविष्य बेहतर करने के लिए अक्सर ऐसे लुहावने ऑफरों में फंस जाते थे।
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धोखाधडी मामले में मांगी अग्रिम जमानत
दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट की जमीन ट्रस्ट बनाकर हडपने के मामले मे आरोपी स्वामी चैतन्यानंद ऊर्फ स्वामी पार्सारथी की अग्रिम जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हो रही है। मामले में स्वामी चैतन्यानंद ने अग्रिम जमानत की मांग की है। चैतन्यानंद के वकील ने कहा कि ये सुनियोजित तरीके से हमारे खिलाफ काम किया गया। 19 सितंबर को जब आश्रम से दिल्ली से बाहर गया तब सुनियोजित तरीके से हमारे खिलाफ एफआईआर कराई गई। बिना किसी जांच के FIR दर्ज करा दी गई ताकि वापस ना आ सकें।
चैतन्यानंद के वकील ने कहा कि आजतक ना तो जमीन की बेची गई है ना कोई सेलडीड हुई है ट्रस्ट के नामपर ट्रस्टी चला रहे है। मेरे पास पॉवर थी लेकिन हमने इसका कोई दुरूपयोग नहीं किया। जब ये ट्रस्ट 15 साल से चल रही है ये जब ट्रस्ट मे आए तबसे ही इनके खिलाफ साजिश की जाने लगी। मुझे प्रोटेक्शन दिया जाए। इसमे हिरासत मे पूछताछ की क्या जरूरत है हम जांच के लिए पुलिस के सामने जाने को तैयार है।