अगर आपके पास आधार, पैन और वोटर आईडी कार्ड है और आप इन दस्तावेजों के जरिए खुद को भारतीय नागरिक समझते हैं तो सावधान हो जाओ। बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए इन दस्तावेजों को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट का कहना है कि आधार, पैन और वोटर आईडी कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं हो सकते हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले को लेकर नागरिक अधिनियम 1955 का हवाला दिया है। दरअसल यह पूरा मामला बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले एक व्यक्ति को जमानत देने से जुड़ा है।
नागरिक अधिनियम का दिया हवाला
जस्टिस अमित बोरकर की पीठ ने बांग्लादेशी एक नागरिक को जमानत देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि नागरिक अधिनियम के प्रावधान में यह साफ लिखा कि भारत का नागरिक कौन हो सकता है। नागरिकता कैसे प्राप्त की जा सकती है। महज आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड नागरिकता का पात्र नहीं हो सकते हैं। पीठ ने नागरिकता अधिनियम का हवाला देते हुए बांग्लादेशी अब्दुल रऊफ सरदार को जमानत देने से इनकार कर दिया।
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बांग्लादेशी नागरिक के वकील ने दिया ये तर्क
दरअसल मामले की सुनवाई के दौरान बांग्लादेशी नागरिक के वकील ने कोर्ट के सामने उसके भारतीय आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड की बात रखी थी। वकील ने कहा कि अब्दुल के भारतीय नागरिक होने के लिए अब और क्या चाहिए। जो दस्तावेज भारतीय नागरिक बनने के लिए होने चाहिए वो सभी अब्दुल के पास है।
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जानिए क्या है पूरा मामला?
कथित बांग्लादेशी नागरिक के खिलाफ पिछले साल ठाणे पुलिस में मामला दर्ज किया गया था। उस पर भारतीय अधिकारियों को गुमराह करके धोखाधड़ी से वोटर कार्ड, आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाने का आरोप है। इसके अलावा, उसने अवैध रूप से गैस और बिजली कनेक्शन भी हासिल किए हैं।