5 August History: 5 अगस्त 2019 की तारीख भारत के इतिहास में हमेशा याद रखी जाने वाली तारीख बन चुकी है। हालांकि, इसके कई मायने हो सकते हैं, जो लोगों की सोच पर आधारित है। आज से 6 वर्ष पूर्व जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था जिसके बाद राज्य से पूर्ण राज्य के सभी प्रावधानों को वापिस ले लिया गया था। तब से अबतक जम्मू-कश्मीर एक केंद्रशासित प्रदेश बन गया था।
बीते रविवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की मुलाकात के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या जम्मू-कश्मीर को एकबार फिर पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त होगा या नहीं। आखिर क्या है पूर्ण राज्य का दर्जा, क्या जम्मू-कश्मीर को मिलना जरूरी है? आइए जानते हैं।
क्या होता है पूर्ण राज्य अधिकार?
पूर्ण राज्य दर्जा का अर्थ होता है कि किसी राज्य को अपनी सरकार, विधानसभा और अधिकारों के लिए स्वतंत्र रूप से चुनने का प्रावधान मिला हो। भारत में पूर्ण राज्य और केंद्रशासित, दो प्रकार के राज्य अधिकार है। पूर्ण राज्य अधिकार का दर्जा संविधान के सातवें अनुच्छेद के जरिए मिलता है। इसमें उन्हें सरकार, कानून और वित्तीय अधिकार मिलते हैं। ऐसे राज्यों में जनता मतदान के माध्यम से अपना मुख्यमंत्री और मंत्रीमंडल भी चुनती है। वहीं, केंद्रशासित प्रदेशों में विधानसभा नहीं होती है। यहां के निर्णयों और नियंत्रण का कार्य केंद्र सरकार द्नारा किया जाता है।
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कैसे मिलता है पूर्ण राज्य का दर्जा?
किसी भी क्षेत्र को पूर्ण राज्य का दर्जा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत मिलता है। इसके लिए संसंद में विधेयक पारित करवाना होता है फिर संसंद द्वारा ही नए राज्य का गठन, नाम बदलने का अधिकार और पूर्ण राज्य अधिकार प्राप्त होता है। इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को पेश किया जाता है, जिसका माध्यम गृह मंत्रालय होता है। प्रस्ताव को इलाके की जनता, स्थानीय नेताओं और हितधारकों के साथ सलाह मशवरा करने के बाद तैयार किया जाता है। जब यह विधेयक लोकसभा और विधानसभा में साधारण बहुमत से पास हो जाता है उसके बाद इस पर राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी होता है, जो आवश्यक होती है।
जम्मू-कश्मीर को क्यों मिलना चाहिए दर्जा?
अगर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलता है तो यह भारत का 29वां राज्य कहलाया जाएगा। 2019 में जब अनुच्छेद 370 हटाया गया तो इसे 2 केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था। तब से स्थानीय नेताओं द्वारा इसे पूर्ण राज्य का अधिकार देने की मांग की जा रही है। इसके कई कारण हो सकते हैं। यदि राज्य को पूर्ण राज्य अधिकार मिलता है तो लोग अपने द्वारा निर्वाचित सरकार का चयन कर सकते हैं। वहां रोजगार, विकास और प्रशासनिक कार्यों में भी वृद्धि होगी। केंद्रशासित प्रदेश को राजनीतिक अधिकार मिलेगा जिससे वहां के लोगों को मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल और पूर्ण विधानसभा मिलेगी।
कौन-कौन से केंद्रशासित राज्यों को मिला पूर्ण राज्य अधिकार?
- आंध्र प्रदेश को साल 1956 में पूर्ण राज्य का अधिकार प्राप्त हुआ था इससे पहले वह मद्रास का ही हिस्सा था।
- गुजरात और महाराष्ट्र, पहले बॉम्बे हुआ करता था। इसे विभाजित कर 1 मई 1960 को पूर्ण राज्य का अधिकार मिला था।
- नागालैंड को 1 दिसंबर 1963 को पूर्ण राज्य अधिकार प्राप्त हुआ था।
- तेलंगाना को 1 जून 2014 को पूर्ण राज्य का अधिकार मिला था।
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