Vivek Kulkarni Success Story: मिलिए उस इंजीनियर से जिसने आईएएस अधिकारी बनने के बाद भी दे दिया इस्तीफा। भारत में कई उम्मीदवारों ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाने के लिए वर्षों तक तैयारी करते हैं। माना जाता है कि जो लोग आईएएस परीक्षा में सफल हो जाते हैं, उन्होंने अपने करियर में एक शिखर हासिल कर लिया। अधिकांश लोगों के लिए ऐसा मानना है कि आईएएस अधिकारी बनना ही उनके जीवन का अंतिम लक्ष्य होता है।
ऐसे कई उदाहरण हैं जहां उम्मीदवारों ने परीक्षा की तैयारी करने और सफल होने के लिए वर्षों की संघर्ष के साथ ही बहुत कड़ी मेहनत की है। आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बात करेंगे जो आईएएस अधिकारी की नौकरी छोड़कर एक सफल उद्यमी बन गए। वो शख्स कोई और नही, विवेक कुलकर्णी ब्रिकवर्क इंडिया के संस्थापक हैं।
आईएएस अधिकारी बने कुलकर्णी
विवेक कुलकर्णी पहले एक आईएएस अधिकारी थे। 1957 में जन्मे कुलकर्णी ने कर्नाटक विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। प्रतिभावान विवेक कुलकर्णी ने स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने के साथ थोड़े समय के लिए इंडियन ऑयल में काम किया। 1983 में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की और आईएएस अधिकारी बन गए। उन्होंने कर्नाटक के मैंगलोर में आईएएस पद के रूप में कार्य किया। वह दिसंबर 1983 से मई 1985 के बीच सेवा में थे।
कब हुई ब्रिकवर्क इंडिया की स्थापना
कुछ वर्षों की सेवा के बाद, उन्होंने आईएएस अधिकारी के रूप में अपना पद छोड़ने और कुछ और प्रयास करने का फैसला किया। उन्होंने 1991 में पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से एमबीए की पढ़ाई की। और भारत लौटने के बाद ही उन्होंने 2000 तक कर्नाटक सरकार के अधीन वित्त सचिव के रूप में काम किया। वह चार साल तक आईटी सचिव भी रहे। 2003 में, उन्होंने पुनः अपनी नौकरी छोड़ दी और अपनी खुद की कंपनी शुरू करने के लिए निकल पड़े। कुलकर्णी ने पत्नी संगीता के साथ सितंबर 2003 में ब्रिकवर्क इंडिया की स्थापना की।