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पहचान छ‍िपाने को ढंकना पड़ा चेहरा..तानों से परेशान घर से भागी, अब बनेंगी ब‍िहार पुल‍िस में दारोगा

3 Transgender become Sub Inspector in Bihar Manvi Madhu Success Story: BPPSC में इस साल 7623 अभ्यार्थियों ने दारोगा की भर्ती के लिए नामांकन भरा था। जिसमें से 6788 अभ्यार्थियों ने परीक्षा दी और सिर्फ 1275 लोग इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। इस लिस्ट में 3 ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Jul 10, 2024 11:03
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Bihar Police Manvi Madhu Transgender

manvi Madhhi Kashyap Transgender SI in Bihar: बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग (BPSSC) ने सब इंस्पेक्टर का रिजल्ट जारी कर दिया है। 1275 लोगों ने ये परीक्षा पास की है। इस लिस्ट में 822 पुरुष, 450 महिलाएं और 3 ट्रांसजेंडरों के नाम शामिल हैं। इसी के साथ ट्रांसजेंडरों को दारोगा बनाने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन चुका है।

BPSSC के द्वारा जारी किए गए नतीजों में 3 ट्रांसजेंडरों ने बाजी मार ली है। अब पहली बार देश में किसी ट्रांसजेंडर को दारोगा के पद पर नियुक्त किया जाएगा। दारोगा बनने वाले 3 ट्रांसजेंडरों में मानवी मधु कश्यप का भी नाम शामिल है।

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तानों से तंग आकर छोड़ा घर

मानवी मधु कश्यप बिहार के भागलपुर गांव से ताल्लुक रखती हैं। मधु के लिए दारोगा बनने का सफर आसान नहीं था। मधु के पिता इस दुनिया में नहीं थे। ट्रांसजेंडर होने के कारण उन्हें लोगों के काफी ताने सुनने पड़ते थे। इन्हीं तानों से परेशान होकर मधु ने घर छोड़ने का फैसला किया और घर से भाग निकलीं।

मुंह छिपाकर निकलती थी बाहर

मधु का कहना है कि अपनी पहचान छिपाने के लिए मुझे मुंह ढककर घर से बाहर निकलना पड़ता था। मेरी मां भी लोगों से छिप कर मुझसे मिलने के लिए पटना आती थीं। अब मैं पुलिस की वर्दी में अपने गांव जाऊंगी और लोगों से कहूंगी कि मुझे ट्रांसजेंडर होने में कोई शर्म नहीं है।

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9 साल बाद वर्दी में होगी घर वापसी

मधु के परिवार में उनकी दो बहनें, एक भाई और मां है। मधु पिछले 9 साल से अपने घर नहीं गई हैं। मधु का कहना है कि अब वो वर्दी पहनने के बाद ही अपने घर जाएंगी। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए मधु ने काफी मेहनत की है। घर छोड़ने के बाद मधु को गुरु रेहमान का साथ मिला और मधु उन्हीं के गुरुकुल से आगे की पढ़ाई पूरी की।

कोचिंग में नहीं मिला एडमिशन

दारोगा बनने का सपना देख रही मधु ने जब पटना के कोचिंग सेंटरों का रुख किया तो कोचिंग वालों ने मधु को एडमिसन देने से मना कर दिया। ऐसे में गुरु रेहमान की मदद से मधु और उनके दो अन्य ट्रांसजेंडर दोस्तों ने दारोगा की पढ़ाई शुरू की। मधु रोज 8 घंटे पढ़ती थीं और डेढ़ घंटे तक कसरत किया करती थीं। इसके अलावा रोज सुबह मधु गांधी मैदान में दौड़ने भी जाती थीं। इसी मेहनत का नतीजा था कि दारोगा के फिजिकल टेस्ट में 6 मिनट के अंदर दौड़ पूरी करने का टास्क दिया गया था। मगर मधु ने महज 4:34 मिनट में ही रेस पूरी कर ली।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Jul 10, 2024 11:03 AM

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