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180 करोड़ के फंड का सच आया सामने, भारत नहीं… अमेरिका ने इस देश को दिए थे पैसे

21 Million Dollar US Fund: एलन मस्क की DOGE ने फरवरी 2025 में दावा किया था कि जो बाइडेन की सरकार ने भारत को 21 मिलियन डॉलर का फंड दिया है, लेकिन इस फंड का असली सच अब आधिकारिक रूप से स्पष्ट कर दिया गया है। अमेरिका के विदेशी मामलों की हाउस कमेटी ने ऑफिशियली बताया है कि फंड असल में किसे दिया गया था?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jul 20, 2025 08:52
Donald Trump | Elon Musk | DOGE
फरवरी 2025 से 21 मिलियन डॉलर फंड को लेकर विवाद चल रहा था।

21 Million Dollar Fund Truth: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया था, तब अमेरिका की ओर से भारत को 21 मिलियन डॉलर (1,80,99,45,900 रुपये) का फंड दिए जाने की बात उठी थी। कहा गया था कि भारत में वोटर्स की संख्या बढ़ाने के लिए भारत को इतना फंड अमेरिका की जो बाइडेन सरकार दे रही थी, लेकिन ट्रंप सरकार इस फंड को रद्द कर रही है। अब इस फंड का असली सच सामने आया है।

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हाउस कमेटी ने स्पष्ट किया फंड का सच

अमेरिका में विदेशी मामलों की हाउस कमेटी ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका ने 21 मिलियन डॉलर का फंड भारत को नहीं, बल्कि बांग्लादेश में राजनीतिक सहभागिता के लिए दिए थे। हाउस कमेटी के अध्यक्ष ग्रेगोरी मीक्स ने कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) का 21 मिलियन डॉलर का फंड भारतीय चुनाव में नहीं लगाया गया। यह पैसा बांग्लादेश को दिया गया था, भारत के लिए फंड कभी तय ही नहीं किया गया था।

एलन मस्क की DOGE ने किया था दावा

भारत को फंड देने का दावा फरवरी 2025 में एलन मस्क के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) ने किया था। DOGE ने X हैंडल पर पोस्ट में लिखा था कि यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) ने भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर आवंटित किए थे, लेकिन DOGE ने यह भी कहा था कि यह फंडिंग रद्द कर दी गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दावे को किकबैक स्कीम बताया और सवाल उठाया कि भारत आर्थिक रूप से मजबूत देश है तो भारत को इतना फंड क्यों दिया जा रहा था?

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क्या थी भारत की प्रतिक्रिया?

भारत के विदेश मंत्रालय ने DOGE के दावे को चिंताजनक बताया था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 21 मिलियन डॉलर का फंड भारत को देने के दावे को भारत के आतंरिक मामले में हस्तक्षेप बताया था और दावे की जांच करने का भी ऐलान किया था। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने भी स्पष्ट किया था कि साल 2012 में उनके कार्यकाल के दौरान इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (IFES) के साथ एक MoU साइन हुआ था, लेकिन इसमें किसी तरह की वित्तीय सहायता का जिक्र नहीं था।

बता दें कि एलन मस्क, DOGE और ट्रंप के बयानों ने भारत की राजनीति में भूचाल ला दिया था। मुद्दे पर देश की राजनीति काफी गरमाई थी, लेकिन अब विवाद सुलझ गया है।

First published on: Jul 20, 2025 07:59 AM

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