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हेल्थ

World TB Day: टीबी के कारण प्रेग्नेंसी में आती हैं परेशानियां? एक्सपर्ट से जानें

टीबी के मरीजों को लेकर हमेशा भविष्य में कुछ समस्याएं हो सकती हैं। आजकल गर्भधारण करने में महिलाओं को कई प्रकार की दिक्कतें महसूस हो रही हैं। ऐसे में वर्ल्ड टीबी डे के अवसर पर जानिए क्या टीबी की बीमारी से पीड़ित लोगों को प्रेग्नेंसी में भी दिक्कतें हो सकती हैं।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Mar 24, 2025 14:55

टीबी एक जानलेवा बीमारी होती है। इस बीमारी के बाद शरीर के कई अंदरूनी अंग प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, ट्यूबरकुलोसिस एक गंभीर बीमारी है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है। यह संक्रमण बैक्टीरिया के कारण होता है और अगर इसका सही इलाज नहीं किया जाए तो यह जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है। टीबी रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है और यह गर्भधारण में देरी का भी एक कारण बन सकता है। खासकर जब टीबी एक्टिव होता है, तो यह शरीर के विभिन्न अंगों, जिसमें प्रजनन अंग भी शामिल हैं, को प्रभावित करती है। इससे गर्भधारण करने में समस्याएं हो सकती हैं। जिन महिलाओं का टीबी ठीक से इलाज नहीं होता या जो सही तरीके से उपचार नहीं लेतीं, उन्हें बांझपन का सामना करना पड़ सकता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

मारेंगो एशिया अस्पताल, फरीदाबाद की डॉक्टर श्वेता मेंदिरत्ता बताती हैं कि टीबी का सही इलाज इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह बीमारी संक्रामक और बैक्टीरिया से होती है। महिलाओं में यह रोग फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय और गर्भाशय के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है। टीबी ट्यूब की ब्लॉकेज का कारण बन सकती है, जिससे एग्स और स्पर्म्स के मिलन में बाधाएं आती हैं। इसके अलावा, रोग की पुरानी प्रकृति महिला की सेहत को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे हार्मोनल इंबैलेंस होता है और यह पीरियड साइकिल को भी प्रभावित कर सकता है।

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कैसे गर्भाशय को नुकसान पहुंचाती है टीबी?

यदि टीबी यूट्रस को प्रभावित करती है, तो यह एंडोमेट्रियल (गर्भाशय की अंदर की परत) को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे फर्टिलाइज्ड एग्स का सही तरीके से गर्भाशय में संबंध नहीं बन पाता है। इसके अलावा, कुछ टीबी उपचार, विशेष रूप से उन उपचारों में जो मजबूत एंटीबायोटिक्स जैसे रिफैम्पिसिन का उपयोग करते हैं, अस्थायी रूप से महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं या भ्रूण पर प्रभाव डाल सकते हैं। ऐसी स्थिति अक्सर इलाज के दौरान हुए गर्भधारण में होती है।

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टीबी और प्रेग्नेंसी में देरी

टीबी का इलाज अगर समय पर और सही तरीके से किया जाए, तो यह गर्भधारण में कोई बड़ी समस्या नहीं पैदा करता है। हालांकि, टीबी के इलाज के दौरान अगर महिला की शारीरिक रूप से कमजोर हो जाती है, तो गर्भधारण में देरी हो सकती है। इसके अलावा, अगर महिला को टीबी हो, तो उसे गर्भवती होने से पहले डॉक्टर से पूरी जांच करवानी चाहिए। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इलाज चल रहा है और शरीर में किसी प्रकार का संक्रमण नहीं है।

कुछ जरूरी टिप्स

इसके अलावा, टीबी के शारीरिक और मानसिक तनाव के कारण महिलाएं पहले अपनी बीमारी का इलाज करवाने पर फोकस करें, जिससे फैमिली प्लानिंग में आसानी होगी। इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि टीबी से पीड़ित महिलाओं को सही उपचार और देखभाल मिले, ताकि वे अपनी सेहत और प्रजनन क्षमता को अच्छे से मैनेज कर सकें। टीबी से प्रभावित महिला को गर्भावस्था के दौरान भी नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना चाहिए, ताकि उसकी स्थिति पर निगरानी रखी जा सके।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Mar 24, 2025 02:55 PM

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