World Heart Day: हमारे शरीर में दिल यानी हार्ट एक ऐसा अंग है जिसकी सबसे ज्यादा केयर करने की जरूरत होती है, लेकिन वही सबसे ज्यादा अनदेखी का सामना करता है। दिल के दर्द को हम अक्सर अनसुना कर देते हैं, जिसकी वजह से बड़े नुकसान उठाने पड़ते हैं। कई बार तो ये ‘दर्द’ जानलेवा भी साबित होता है। पहले हार्ट अटैक को उम्र से जोड़कर देखा जाता था, यानी एक निश्चित उम्र के बाद ही इसके धावा बोलने की आशंका रहती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। आजकल युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं और ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर समीर भाटी के अनुसार, हार्ट अटैक के कई कारण हैं, लेकिन सबसे प्रमुख है सही लाइफस्टाइल का न होना। युवा अपनी डाइट को लेकर ज्यादा जागरुक नहीं हैं, या उन्हें लगता है कि जवानी के दिनों में उनका शरीर कुछ भी झेल सकता है, जबकि ऐसा नहीं। ज्यादातर यंगस्टर्स की डाइट में जंक, प्रोसेस्ड, ट्रांसफैट वाले फूड की मात्रा काफी ज्यादा होती है, इससे बॉडी में कोलेस्ट्रोल, दूसरे मेटाबोलिक सिंड्रोम बढ़ जाते हैं और ये कम उम्र में हार्ट अटैक की आशंका को जन्म देते हैं।
ये भी पढ़ें- World Heart Day: 6 संकेत बताते हैं आपका दिल कमजोर है
इसलिए युवा बन रहे शिकार
डॉक्टर समीर भाटी के मुताबिक, स्ट्रेस का भी हार्ट अटैक से सीधा लिंक सामने आया है। अत्यधिक तनाव में रहने वालों को अटैक आने की आशंका दूसरों से ज्यादा रहती है। भारत डायबिटीज और हाइपरटेंशन का कैपिटल बन गया है। ICMR की रिसर्च बताती है कि कोरोना के दौरान, डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर के मामले लगभग दोगुना हो गए हैं। इसके साथ ही लोगों में फैटी लीवर के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जो हार्ट अटैक की संभावना में इजाफा करते हैं।
युवाओं में बढ़ते खतरे की बात करते हुए डॉक्टर भाटी ने कहा कि इनएक्टिव लाइफस्टाइल, स्मोकिंग जैसी आदतें, युवाओं को तेजी से दिल से जुड़ी बीमारियों की गिरफ्त में ले रही हैं। बिजी लाइफस्टाइल के चलते युवा फिजिकल एक्टिविटी से दूर हो जाते हैं, उनका हर दिन का स्टेपकाउंट भी बेहद कम रहता है, जो दिल के लिए स्मोकिंग जितना ही नुकसानदायक है।
ये भी पढ़ें- हार्ट फेलियर से बचा सकते हैं ये 6 योग, जानें कौन से योगासन बनाते हैं दिल की सेहत
क्या करें और क्या न करें
डॉक्टर भाटी ने बताया कि भारतीयों की कोरोनरी आर्टरीज की थिकनेस पश्चिमी देशों के लोगों के मुकाबले कम होती है। इसलिए भारतीयों में वेस्टर्न देशों के मुकाबले हार्ट अटैक आने का खतरा 10 साल पहले ही उत्पन्न होने लगता है। इसलिए हमें अपनी लाइफस्टाइल पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। खासतौर पर डाइट का सही होना अत्यंत आवश्यक है। ज्यादा मीठा, प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड और ट्रांसफैट वाले खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा, नमक का सेवन विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार, 3 से 5 ग्राम ही करना चाहिए। ज्यादा नमक खाने से हाइपरटेंशन का खतरा रहता है और ये खतरा हार्ट अटैक की आशंका को बढ़ाने का काम करता है। डॉक्टर समीर भाटी का कहना है कि दिल से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। भरपूर नींद लें, मेडिटेशन करें, नेचर के बीच समय बिताएं, नियमित वॉक, एक्सरसाइज, योग आदि करें।