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पीरियड्स में दर्द के साथ ब्लड फ्लो को न करें नजरअंदाज, हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां

Women Health And Period Problems: पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो होना हर महिलाओं में अलग-अलग होता है। जहां एक महिला के लिए ज्यादा ब्लड फ्लो को पूरी तरह से नियमित माना जा सकता है, लेकिन यह जानना बहुत जरूरी है कि पीरियड के दौरान ब्लड फ्लो होना बिलकुल सामान्य है। पीरियड्स में अक्सर होने वाली […]

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Sep 20, 2023 18:01
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Women Health And Period Problems: पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो होना हर महिलाओं में अलग-अलग होता है। जहां एक महिला के लिए ज्यादा ब्लड फ्लो को पूरी तरह से नियमित माना जा सकता है, लेकिन यह जानना बहुत जरूरी है कि पीरियड के दौरान ब्लड फ्लो होना बिलकुल सामान्य है। पीरियड्स में अक्सर होने वाली ऐंठन कभी-कभी परेशानी का कारण हो सकती है। हल्के दर्द से लेकर तेज और कमजोर करने वाली मरोड़ तक हो सकता है। ये ऐंठन हमें असहाय महसूस करा सकती है और हम डेली गतिविधियों को करने में असमर्थ हो सकते हैं।

पीरियड्स के दौरान सामान्य ब्लड फ्लो क्या है?

एक गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार, ज्यादातर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान लगभग 50 मिलीलीटर ब्लड फ्लो होगा जो लगभग 3 बड़े स्पून के बराबर है, लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिनमें 5-6 बड़े चम्मच से ज्यादा ब्लड फ्लो होता है। ज्यादातर इससे सहमत नहीं होंगे क्योंकि समय-समय पर पैड, पीरियड्स कप या टैम्पोन बदलते रहते हैं और फ्लो भारी दिखता है। लेकिन पीरियड्स में गर्भाशय के टिश्यू, एंडोमेट्रियल सेल्स और खून के थक्के भी होते हैं। शरीर से निकलने वाले मासिक धर्म पदार्थ में जोड़ने की प्रवृत्ति होती है। इसलिए, कोई यह भी मान सकता है कि ब्लड फ्लो भारी है।

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ये भी पढ़ें- Women Health Tips: महिलाएं अपनी सेहत से न करें लापरवाही! जान लें ये 4 जरूरी बातें

भारी पीरियड्स का होने का क्या मतलब है?

भारी पीरियड्स का मतलब है 70 मिलीलीटर से ज्यादा ब्लड फ्लो, हर 2 घंटे के बाद पैड बदलना और 7 दिनों से अधिक समय तक चलने वाला पीरियड्स। यह ज्यादा खून के बहाव से परेशान करने वाला हो सकता है और पूरे दिन में बार-बार बदलाव की जरूरत हो सकती है। बढ़े हुए ब्लड फ्लो के अलावा, भारी मासिक धर्म वाली महिलाओं में अक्सर पीरियड्स के दौरान खून के थक्के निकलते हैं। ये थक्के का साइज और कलर में अलग-अलग हो सकते हैं और छोटे धब्बों से लेकर हथेली के साइज तक हो सकते हैं।

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भारी ब्लड फ्लो के लिए जिम्मेदार कुछ चीजें हैं जैसे एंडोमेट्रियोसिस(endometriosis), पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome) और गर्भाशय फाइब्रॉएड(Fibroids) हैं। महिलाओं को अपनी कंडीशन बेहतर करने और जरूरत पड़ने पर ट्रिटमेंट लेने की परमीशन मिलती है। याद रखें पीरियड्स में ज्यादा फ्लो होने से सामान्य दिनचर्या पर असर हो सकता है। ऐसे कई इलाज के ऑप्शन हैं जो मासिक धर्म के दौरान होने वाली परेशानी को कम कर सकते हैं और जीवनशैली में सुधार कर सकते हैं। ज्यादा जानकारी लेने के लिए लेडी डॉक्टर से मिलकर इस पर बात करनी चाहिए।

Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Sep 20, 2023 06:01 PM

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