Why women under 40 being struck by breast cancer: खबर की शुरुआत एक महिला की कहानी से। अमेरिका की एक कैंपेनर निकी न्यूमैन की उम्र महज 35 साल थी। पिछले हफ्ते उनकी ब्रेस्ट कैंसर से मौत हो गई। 5 सालों से वे इस बीमारी लड़ रही थीं। मौत से पहले जब वह अस्पताल में थीं तो लाइलाज कैंसर के दर्द को इंस्टाग्राम के जरिए दुनिया के साथ साझा किया था। उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाज में हमने काफी प्रगति की है, लेकिन अभी मीलों लंबा रास्ता बाकी है। कैंसर एक त्रासदी सरीखा है।
निकी न्यूमैन 40 साल से कम उम्र की उन 2,400 महिलाओं में से एक हैं, जिन्हें हर साल ब्रेस्ट कैंसर का पता चलता है। अक्सर महिलाएं स्वस्थ होती हैं, उनके परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का कोई इतिहास नहीं होता है। उन्हें 20 या 30 की उम्र में एक गांठ का पता चलता है और उनकी दुनिया उलट-पुलट हो जाती है।
महिलाओं में तेजी से बढ़ रहे ब्रेस्ट कैंसर के मामले
सिर्फ ब्रिटेन में 2400 महिलाएं हर साल ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित होती हैं। भारत में भी यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। पिछले महीने द जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित अमेरिका में एक अध्ययन में पाया गया कि सभी प्रकार के कैंसर कम उम्र की महिलाओं में बढ़ रहे हैं। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि पुरुषों में इस बीमारी में गिरावट आ रही है। जहां महिलाओं के लिए कुल मिलाकर चार प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, वहीं युवा पुरुषों के लिए लगभग पांच प्रतिशत की गिरावट आई।
बदली जीवनशैली एक बड़ी वजह
जबकि सबसे बड़ी वृद्धि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के लिए थी। 50 से कम उम्र की महिलाओं में निदान किए गए अधिकांश कैंसर स्तन में थे। 2010 और 2019 के बीच संख्या में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
जानकारों का मानना है कि पिछले 50 वर्षों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की जीवनशैली में अधिक बदलाव आया है। 1970 के दशक की शुरुआत में केवल 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं काम करती थीं, अब यह 80 प्रतिशत के करीब है। अब ऐसा नहीं है कि महिलाएं बच्चे होने पर काम छोड़ देती हैं। नतीजा जीवन अधिक तनावपूर्ण हो जाता है।
शराब पीना बेहद खतरनाक
दूसरी वजह नियमित शराब पीना भी है। इससे शरीर में एसीटैल्डिहाइड नामक कैंसर पैदा करने वाले रसायन की मात्रा बढ़ सकती है और एस्ट्रोजन सहित कुछ हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है, जो कुछ प्रकार के स्तन कैंसर का कारण बनता है। हर दिन सिर्फ एक गिलास वाइन से महिलाओं में यह बीमारी विकसित होने की संभावना अधिक हो जाती है।
वहीं सबसे महत्वपूर्ण में से एक यह है कि महिलाएं समय से पहले युवावस्था शुरू कर रही हैं। 1950 के दशक में, मासिक धर्म शुरू होने की औसत आयु 13 वर्ष थी। अब यह 11 वर्ष है।
भारत में हर चार मिनट में एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर
लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर चार मिनट में एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी का पता चलता है। 2018 में ब्रेस्ट कैंसर के 1.62 लाख नए मामले और 87.090 मौतें हुईं।
ये है ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण
- बांह के नीचे या बगल में सूजन।
- ब्रेस्ट में गांठ का बनना।
- ब्रेस्ट के आकार में विकृति महसूस होना।
- आसामान्य आकार में वृद्धि या कम होना।
- निपल्स में जलन महसूस होना।
- पपड़ीदार लाल रंग के चकत्ते होना।
- ब्रेस्ट छूने पर असहज या दर्द महसूस होना।
घबराएं नहीं, डॉक्टर से कराएं इलाज
यदि इन लक्षणों में से कोई भी आपको दिखे तो तत्काल डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए। घबराएं नहीं। इसके बचाव के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी की जाती है। समय रहते इलाज न हो तो ये जानलेवा हो सकता है।
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