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Bacterial Infection कोरोना के बाद दुनियाभर में मौत का बड़ा कारण, WHO का अलर्ट- बचाव ही उपाय

WHO Alert For Bacterial Infection: WHO के अनुसार, पिछले 3 साल में कोरोना से दुनियाभर में 70 लाख मौतें हुईं। AMR की वजह से एक साल में 50 लाख लोग मरते हैं, क्या है AMR जानिए?

WHO Alert For Bacterial Infection
WHO Alert For Bacterial Infection: कोरोना के बाद दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतें Bacterial Infection के कारण हो रही हैं। यह खुलासा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO)की रिपोर्ट में हुआ है, जिसे लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है। आजकल जरा-सी तकलीफ होती है, जुकाम-खांसी होती है तो लोग एंटी बायोटिक दवाओं की डिमांड करने लगते हैं। डॉक्टरों से भी कहते हैं कि एंटी बायोटिक दे दीजिए, जबकि एंटी बायोटिक दवाओं के गलत और ज्यादा इस्तेमाल की वजह से एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) महामारी फैलती है, जो आज सबसे बड़े खतरे के रूप में उभर रही है। WHO के अनुसार, पिछले 3 साल में कोरोना से दुनियाभर में 70 लाख मौतें हुईं। AMR की वजह से एक साल में 50 लाख लोग मरते हैं।  

विश्व AMR जागरुकता सप्ताह शुरू हुआ

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित मेडिकल स्टडी बताती है कि साल 2050 तक इस AMR महामारी के कारण एक साल में एक करोड़ से ज्यादा लोग करेंगे। AMR के फैलने का सबसे बड़ा कारण दवाओं का दुरुपयोग है। अक्सर जरूरत नहीं होती, लेकिन फिर भी जल्द ठीक होने के लिए लोग एंटी बायोटिक, एंटी फंगल और एंटी पैरासिटिक दवाएं लेते हैं। इससे इंसान के साथ-साथ जानवरों, पौधों और पर्यावरण के लिए भी खतरा पैदा होता है। WHO के मुताबिक, AMR इंसान की हेल्थ के लिए खतरनाक 10 सबसे बड़े खतरों में से एक है। इसलिए 18 से 24 नवंबर तक होने वाला विश्व AMR जागरुकता सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत दुनिया के अफ्रीकन रीजन में हुई है। इसके तहत लोगों को AMR के प्रति जागरूक किया जाएगा।  

क्या है एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR)?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ बैक्टीरिया ह्यूमन फ्रैंडली होते हैं। कुछ इंसानों के लिए जानलेवा होते हैं। जब शरीर के अंदर बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या पैरासाइट्स समय के साथ बदलते हैं तो दवाई भी असर नहीं करती। इससे शरीर के अंदर एंटी माइक्रोबॉयल रेजिस्टेंस बनता है, जिसके कारण पहले से फैले संक्रमण का इलाज मुश्किल हो जाता है। उस पर दवाई भी बेअसर हो जाती है। एंटी बायोटिक ज्यादा इस्तेमाल करने या जरूरत नहीं होने पर वहम होने के चलते लेने से Bacterial Infection होता है। खासकर फ्लू जैसे वायरल संक्रमण होने पर एंटी बायोटिक लेंगे तो यह इंफेक्शन ज्यादा होगा, जो दूसरों में फैलता है तो उन्हें भी संक्रमित कर सकता है। इससे बचने का एक ही तरीका है कि एंटी बायोटिक दवाएं न ली जाएं।

बचने के लिए यह उपाय कर सकते हैं लोग?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Bacterial Infection घाव होने पर, लार गिरने पर या यौन संबंध बनाने से एक दूसरे इंसान में जा सकता है। एक बार यह इंसान के शरीर में फैल जाता है तो एंटी बायोटिक दवाइयां असर करना बंद कर देती हैं। अभी तक Bacterial Infection की कोई दवाई नहीं बनी है, ऐसे में बचाव ही इससे बचने का एकमात्र उपाय है। इसके अलावा लोग संक्रमण से अपना बचाव करें। हाथ सैनिटाइजर से धोएं। खाना साफ जगह पर रखें। खाना बनाने के लिए साफ पानी इस्तेमाल करें। संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचें। डॉक्टर की सलाह के बाद ही एंटी बायोटिक लें। एंटी बायोटिक लेने से हो सके तो बचें। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में निमोनिया और सेप्टीसीमिया होने पर कार्बेपनेम मेडिसिन ली जाती थी, जो अब बैक्टीरिया पर बेअसर है। ऐसे में इस दवाईपर बैन लगा दिया गया है।


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