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बेहद खतरनाक है ल्यूकेमिया कैंसर, ये लक्षण दिखते ही हो जाएं सावधान, एक्सपर्ट जानिए इसके बारे में सबकुछ

What is leukemia cancer: आज हम आपके लिए ल्यूकेमिया के बारे में जानकारी दे रहे हैं। ल्यूकेमिया एक तरह का कैंसर है, जिसे ब्लड कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। ल्यूकेमिया शरीर में आपकी बोन मैरो और ब्लड को प्रभावित करता है। ल्यूकेमिया खून और बोन मैरो (हड्डी के अंदर जहां खून बनता […]

Edited By : Bhoopendra Rai | Updated: Apr 25, 2023 15:21
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What is leukemia cancer
What is leukemia cancer

What is leukemia cancer: आज हम आपके लिए ल्यूकेमिया के बारे में जानकारी दे रहे हैं। ल्यूकेमिया एक तरह का कैंसर है, जिसे ब्लड कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। ल्यूकेमिया शरीर में आपकी बोन मैरो और ब्लड को प्रभावित करता है। ल्यूकेमिया खून और बोन मैरो (हड्डी के अंदर जहां खून बनता है) में होने वाला कैंसर है। यह बच्चों और किशोरों में पाया जाने वाला सबसे आम कैंसर है।

ल्यूकेमिया कैंसर क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और इसका इलाज कैसे किया जाता है? इन सभी सवालों पर डॉक्टर कुमारदीप दत्ता चौधरी ने अपनी राय दी है। डॉक्टर कुमारदीप नई दिल्ली के पश्चिम विहार में मौजूद ‘एक्शन कैंसर अस्पताल’ में अपनी सेवा दे रहे हैं। वह इस हॉस्पिटल में चिकित्सा ऑन्कोलॉजी विभाग के यूनिट प्रमुख और सीनियर कंसल्टेंट हैं।

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डॉक्टर कुमारदीप बताते हैं कि ल्यूकेमिया कैंसर दो तरह का होता है। एक्यूट और क्रॉनिक। एक्यूट का मतलब ये है कि इसमें लक्षणों का तेजी से विकास होता है। इलाज में देरी नहीं होने से यह तेजी से बढ़ता है। वहीं क्रॉनिक को पुराना कैंसर कहा जाता है, इसमें रोग और लक्षणों में धीरे-धीरे वृद्धि होती है।

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ल्यूकेमिया कैंसर के लक्षण

कमजोरी, थकान, एनीमिया, मसूढ़ों में सूजन, ऑर्गनोमेगाली (जिगर, प्लीहा), पेट में भरापन, मसूड़ों से खून बहना, नाक, आंत (मेलेना), सांस फूलना, वजन कम होना, बुखार आदि।

शरीर को ऐसे प्रभावित करता है ल्यूकेमिया कैंसर

ल्यूकेमिया तब होता है जब आपके शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स बढ़ जाती हैं। व्हाइट ब्लड सेल्स, रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स को बाहर निकाल देती हैं, जिनकी आपके शरीर को स्वस्थ रहने के लिए आवश्यकता होती है। ब्लड कैंसर यानी ल्यूकेमियामें कैंसर की कोशिकाएं तेजी से और अनियंत्रित तरीके से हड्डियों के अस्थि मज्जा में बढ़ने लगती हैं। इस तरह यह कैंसर आपको अपनी चपेट में ले लेता है।

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इस कैंसर का कारक क्या है?

इस कैंसर का खतरे का कारण आनुवांशिक हो सकता है। इतना ही नहीं ये पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से विकसित होता है। यदि कोई व्यक्ति गैसोलीन में पाए जाने वाले बेंजीन जैसे कुछ रसायनों के संपर्क में आता है तो वह ल्यूकेमिया से पीड़ित हो सकता है। इसके अलावा धूम्रपान करने वालों में ल्यूकेमिया होने की संभावना अधिक होती है।

बोन मैरो ट्रांसप्लांट कब कराया जाता है

ल्यूकेमिया कैंसर श्वेत रक्त कोशिकाओं में होता है। इसके होने पर शरीर में गैर सेहतमंद कोशिकाएं बढ़ती हैं, जिससे इम्यून पावर कम होता जाता है। कीमोथैरेपी के बाद भी इसके वापस आने की आशंका होती है, लिहाजा इसे कम करने के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराया जाता है।

कैसे किया जाता है इलाज

पिछले कुछ वर्षों में ल्यूकेमिया के रोगियों के इलाज की दर और जीवित रहने के परिणामों में काफी सुधार हुआ है। ये सुधआर आनुवंशिकी मामलों में हुआ है। जिसमें नई दवाओं के साथ इलाज किया जा रहा है। सीएलएल (chronic lymphocytic leukemia) में बीमारी के सुस्त चरण में प्रतीक्षा और देखने का दृष्टिकोण अपना सकते हैं।

सीएमएल रोगियों का इलाज टायरोसिन किनेज इनहिबिटर के रूप में जानी जाने वाली मौखिक गोलियों से किया जाता है और वे आमतौर पर लंबा जीवन जीते हैं, जबकि इस कैंसर के आक्रामक चरण में हम मल्टी एजेंट कीमोथेरेपी के साथ इलाज कर सकते हैं। एक्यूट ल्यूकेमिया का इलाज मल्टीएजेंट कीमोथेरेपी के साथ किया जाता है, जिसके बाद बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया जाता है।

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Edited By

Bhoopendra Rai

Edited By

Manish Shukla

First published on: Apr 21, 2023 09:19 PM

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