विटामिन्स सभी के शरीर के लिए जरूरी होते हैं। ये कई प्रकार के होते हैं और सभी के अपने अलग काम और अलग महत्व होता है। जैसे विटामिन-सी इम्यूनिटी मजबूत करता है, बी-12 दिमाग और शरीर के लिए। ठीक वैसे ही विटामिन-डी भी शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व होता है। इसकी मदद से हड्डियों और बालों को मजबूती मिलती है। विटामिन-डी अन्य विटामिनों की तुलना में कहीं अधिक आवश्यक विटामिन है, जिसकी कमी डिप्रेशन, नींद की समस्या और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण भी बन जाती हैं। हालांकि, इस विटामिन की कमी को दूर करने के लिए हमारे पास धूप है लेकिन इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल भी एक अहम तत्व है, जिसकी कमी से यह विटामिन भी कम हो जाता है। इस पर हमें न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं कि कैसे ये दोनों आपस में गहरा संबंध रखते हैं। जानिए रिपोर्ट में सब कुछ।
विटामिन-डी और कोलेस्ट्रॉल का संबंध
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक शरीर में विटामिन-डी और कोलेस्ट्रॉल आपस में गहरा संबंध रखते हैं। इस विटामिन की कमी शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। विटामिन-डी धूप से मिलता है लेकिन शरीर में इसकी मात्रा बनी रहे या फिर बढ़े, इसके लिए जरूरी है कोलेस्ट्रॉल। कोलेस्ट्रॉल विटामिन-डी के अब्जॉर्प्शन को बढ़ाता है। इसलिए, हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की भी सही मात्रा होनी चाहिए। गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल ओवरऑल हेल्थ के साथ-साथ नसों को भी ताकत देता है। अगर कोलेस्ट्रॉल हमारे खाने में नहीं होगा, तो नसों से संबंधित बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, अगर कोलेस्ट्रॉल कभी भी विगन फूड्स में नहीं होता है, इसलिए वीगन डाइट फॉलो करने वाले लोगों में विटामिन-डी की कमी ज्यादा पाई जाती है।
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किन लोगों को ज्यादा खतरा?
न्यूट्रिशनिस्ट और हेल्थ एक्सपर्ट सुमन अग्रवाल बताती हैं कि शाकाहारी लोगों में तो इस विटामिन की कमी हो सकती है। मगर जो लोग कोलेस्ट्रॉल भी नहीं ले रहे हैं, उन्हें विटामिन-डी और उसकी सीरीज के सभी आवश्यक विटामिनों की डेफिशिएंसी हो सकती है। वीगन डाइट पर रहने वाले लोगों में इसकी कमी इसलिए होती है क्योंकि उन लोगों की डाइट में कोई भी एनिमल प्रोडक्ट नहीं होते हैं। गुड कोलेस्ट्रॉल के सिर्फ कुछ सोर्स हैं- दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स जैसे घी, मक्खन या दही। इसके अलावा, मीट और फिश भी इसके कुछ सोर्स हैं।
कैसे होती है विटामिन-डी की कमी?
हालांकि, इसके कई कारण हो सकते हैं। मगर मोटे तौर पर समझा जाए, तो डाइट में इसके सोर्स की कमी होना, धूप के संपर्क में बिल्कुल न आना, हमेशा घर के अंदर रहना, ज्यादा सनस्क्रीन का यूज भी शरीर को विटामिन-डी अब्जॉर्प नहीं करने देता है। हाल ही में दिल्ली में एक कॉन्फ्रेंस हुई थी, जहां भारत में विटामिन-डी की कमी को देश के लिए साइलेंट एपिडेमिक माना है। यह कमी देश के कई हिस्सों से संबंधित है, जिसमें पूर्वी भारत प्रमुख है।
Vitamin-D की कमी के संकेतों के बारे में ग्राफिक्स के माध्यम से समझें
अगर किसी के शरीर में इस विटामिन की कमी हो रही है, तो उन्हें कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। ये संकेत कभी न करें इग्नोर।
डिप्रेशन की समस्या, थकान होना, हेयर फॉल, मूड स्विंग्स, हड्डियों तथा मांसपेशियों में दर्द होना।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मुंबई बेस्ड न्यूट्रिशनिस्ट, हेल्थ एक्सपर्ट और सेल्फकेयर बाय सुमन की फाउंडर, सुमन अग्रवाल बताती हैं कि धूप और विटामिन-डी के बीच एक चीज है, जो मेजर रोल प्ले करती है, वह कोलेस्ट्रॉल है। जब हम धूप में खड़े होते हैं, तो हमारी स्किन पर धूप पड़ती है यानी विटामिन-डी मिलता है। मगर विटामिन-डी शरीर में अब्जॉर्ब हो सके, वह काम कोलेस्ट्रॉल करता है। साथ ही, वह बताती हैं कि कोलेस्ट्रॉल का सोर्स सिर्फ और सिर्फ एनिमल बेस्ड प्रोडक्ट्स है। अगर कोई इंसान देसी घी या दूध भी नहीं पीता है, उसे आगे चलकर कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
विटामिन-डी के नैचुरल सोर्स
- दूध व दूध से बनी चीजें।
- विटामिन-डी के लिए सुबह के समय धूप में रहें।
- मशरूम भी खा सकते हैं।
- संतरा भी विटामिन-डी का सोर्स है।
- अंडा खा सकते हैं। हफ्ते में एक बार किसी भी सीफूड का सेवन करें।
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