अप्रैल शुरू हुए 4 दिन हो चुके हैं। यह गर्मी की शुरुआत का महीना होता है। हालांकि, इस साल मार्च के मध्य से ही तापमान में काफी वृद्धि हो गई थी। कुछ लोगों के लिए यह महीना मस्ती भरा होता है क्योंकि अब लोग बिना आलस के खुल के बाहर घूम सकते हैं। गर्म पानी से नहाने से छुटकारा मिलता है लेकिन यह सीजन पसीने, चिपचिपाहट और खुजली जैसी समस्याओं का भी होता है। मौसम बदलते ही शरीर पर इसका प्रभाव पड़ता है। सर्दी-जुकाम, अपच, डिहाइड्रेशन और दस्त जैसी दिक्कतों से बचने के लिए सावधानी बरतना जरूरी होता है। गर्मियों के दौरान लोग कुछ ऐसी ही परेशानियों को ज्यादा महसूस करते हैं। चलिए जानते हैं डॉक्टर से कि गर्मियों में किन-किन हेल्थ प्रॉब्लम्स के मामले बढ़ जाते हैं और बचाव के लिए क्या करना चाहिए।
गर्मियों में बढ़ जाती हैं ये 3 समस्याएं
गर्मियों में पित्त दोष से संबंधित रोगों में वृद्धि हो जाती है। पित्त तब बढ़ता है जब शरीर की आंतरिक गर्मी तेज हो जाती है और आपका शरीर गर्म हो जाता है। इससे
- स्किन प्रॉब्लम्स- सनबर्न, टैनिंग और पिंपल्स जैसी चीजें।
- यूटीआई (UTI)- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी यूटीआई जिसमें पेशाब और ब्लैडर में संक्रमण होता है।
- डिहाइड्रेशन- शरीर में पानी की कमी होना।
ये भी पढ़ें- अप्रैल के महीने में जरूर खाने चाहिए ये 5 सुपरफूड्स, न्यूट्रिशनिस्ट ने बताए फायदे
गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचने के उपाय
- पानी पिएं- आपको नियमित रूप से 3 लीटर पानी पीना चाहिए। अगर पसीना ज्यादा आता है, तो पानी की खपत भी बढ़ाएं।
- हाइड्रेशन युक्त फूड्स- डाइट में फलों जैसे कि तरबूज, खरबूजा और खीरा खा सकते हैं।
- हेल्दी दूस- लौकी का जूस, गन्ने का जूस, संतरे का रस और नींबू पानी पिएं।
- दुर्लभ फल फायदेमंद- कोकम, शहतूत और फालसे जैसे फलों को इन महीनों में खूब खाएं।
- हेल्दी और प्रोबायोटिक्स वाले फूड्स- छाछ, नारियल पानी, दही चावल और फलों के मुरब्बे खाएं।
इन्फेक्शन से बचाव के लिए जरूरी टिप्स
- गर्मियों में इंफेक्शन से बचाव के लिए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना है:
- हल्के और ढीले-ढाले कपड़े पहनें।
- रोज नहाएं। साबुन का इस्तेमाल भी करें।
- साफ-सफाई का ख्याल रखें।
- अपनी स्किन का ख्याल रखने के लिए सनस्क्रीन, सेनिटाइजर और एलोवेरा जेल का यूज करें।
- पर्सनल आइटम्स को दूसरों के साथ शेयर न करें।
हीटस्ट्रोक भी बड़ा कारण
गर्मियों में हीटस्ट्रोक यानी गर्म हवाएं, जिसे हम लू कहते हैं भी चलती हैं। पहले तक हीटस्ट्रोक दिन के समय में चलती थी, लेकिन पिछले साल भी गर्म हवाएं देर शाम तक चला करती थी, जो गंभीर है। हीटस्ट्रोक से डिहाइड्रेशन, स्किन प्रॉब्लम और इंफेक्शन हो सकते हैं। हर साल कई लोग हीटस्ट्रोक की चपेट में आ जाते हैं, जिस वजह से उन्हें जी मिचलाना, घबराहट और सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।
क्या बोले एक्सपर्ट?
डॉक्टर जाफरी बताते हैं कि हीटस्ट्रोक वह स्थिति है, जिसमें तापमान 40 से ऊपर जाता है। टेंप्रेचर इसके ऊपर जाते ही गर्मी असहनीय हो जाती है, जिस वजह से शरीर में कुछ लोगों को और भी ज्यादा गर्मी महसूस होती है। कुछ लोगों की बॉडी पहले से वॉर्म होती है, जिस कारण से गर्मियां उन पर ऐसा असर डालती हैं कि वे बीमार हो जाते हैं। इस स्थिति में सभी को सूरज के कॉन्टेक्ट में आने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है, जैसे कि पानी न पीना और खाना न खाना या फिर बिना शरीर को ढके बाहर निकल जाना। वृद्ध और बच्चों को कोशिश करनी चाहिए कि वे बाहर कम से कम निकलें और दिन में बिल्कुल भी बाहर न जाएं।
हीटस्ट्रोक से कैसे बचें?
हीटस्ट्रोक से बचाव के लिए दिन के समय बाहरी गतिविधियों से परहेज करें। ठंडे स्थानों पर रहें। एसी में पूरे दिन रहते हैं, तो घर में ह्यूमिडिफायर भी लगाएं। खूब पानी पिएं और हल्के रंगों के कपड़े पहनें। धूप में निकल रहे हैं, तो शरीर को ढकें। सिर पर हैट पहनें और सनग्लासेस भी कैरी करें। इस मौसम में बच्चों, बुजुर्गों और घर के पालतू जानवरों का भी ख्याल रखना चाहिए।
ये भी पढ़ें- अप्रैल के महीने में कभी न खाएं ये 3 फूड्स, बिगड़ जाएगी सेहत
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।