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हेल्थ

900 दवाओं के दाम में आज से इजाफा, जानिए कौन-कौन सी जरूरी दवाइयां हुईं महंगी?

1 अप्रैल 2025 से देशभर में 900 से अधिक आवश्यक दवाइयों के दाम बढ़ा दिए गए हैं। सरकार ने दवाओं के दामों में 1.74 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इस फैसले से आम जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। ब्लड प्रेशर, डाइबिटीज, हार्ट डिजीज और इंफेक्शन जैसी बीमारियों का इलाज करवा रहे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Apr 1, 2025 11:12
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देशभर में आज 1 अप्रैल से 900 जरूरी दवाइयों के दाम बढ़ा दिए गए हैं। दवाओं के दामों में 1.74 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान सरकार ने किया है। इस फैसले का आम लोगों पर असर पड़ना तया है। गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को इलाज के लिए अब अधिक पैसे खर्च करने होंगे। डाइबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और इंफेक्शन जैसी बीमारियों का इलाज करवा रहे लोगों की जेब पर असर पड़ेगा। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) की ओर से हर साल जरूरी दवाइयों के दाम Wholesale Price Index (WPI) के आधार पर तय किए जाते हैं। प्राधिकरण ने इस साल दवाओं के दामों में 1.74 फीसदी की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। फैसले के बाद माना जा रहा है कि दवा कंपनियां खुदरा कीमतों में भी इसी अनुपात में बढ़ोतरी कर सकती हैं।

इन दवाइयों के दाम बढ़ेंगे

एंटीवायरल दवाइयां

  • Acyclovir (200 mg)– 7.74 रुपये प्रति टैबलेट
  • Acyclovir (400 mg)– 13.90 रुपये प्रति टैबलेट

एंटीबायोटिक्स

  • Azithromycin (250 mg)– 11.87 रुपये प्रति टैबलेट
  • Azithromycin (500 mg)– 23.98 रुपये प्रति टैबलेट
  • Amoxicillin + Clavulanic Acid Dry Syrup– 2.09 रुपये प्रति ml

पेनकिलर दवाइयां

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  • Diclofenac– 2.09 रुपये प्रति टैबलेट
  • Ibuprofen (200 mg)– 0.72 रुपये प्रति टैबलेट
  • Ibuprofen (400 mg)– 1.22 रुपये प्रति टैबलेट

मलेरिया की दवा

  • Hydroxychloroquine (200 mg)– 6.47 रुपये प्रति टैबलेट
  • Hydroxychloroquine (400 mg)– 14.04 रुपये प्रति टैबलेट

डायबिटीज की दवा

  • Dapagliflozin + Metformin Hydrochloride + Glimepiride– 12.74 रुपये प्रति टैबलेट

स्टेंट की कीमतों में भी बढ़ोतरी

प्राधिकरण के अनुसार 1 अप्रैल से कोरोनरी स्टेंट की कीमतें भी WPI के आधार पर बढ़ाई गई हैं।

  • Bare-metal stent– 10692.69 रुपये
  • Drug-eluting stent– 38933.14 रुपये

दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी से मिडिल क्लास और निम्न वर्ग पर असर पड़ना तय है। वे लोग जो पहले से महंगाई और बढ़े स्वास्थ्य खर्चों का सामना कर रहे हैं, उनको दोहरी परेशानी होगी। सरकार का फैसला उनके लिए किसी झटके से कम नहीं है। मूल्य वृद्धि के पीछे सरकार का तर्क है कि लगातार दवा कंपनियां अतिरिक्त लागत का सामना कर रही हैं। इसकी वजह से ही दवा कीमतों में इजाफा किया गया है।

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जनता के सामने विकल्प

  • जन औषधि केंद्रों से दवा खरीदें। इन केंद्रों पर सस्ते दामों में दवाइयां मिलती हैं।
  • थोक में दवाओं की खरीद करने पर भी कुछ राहत मिलती है। लंबी बीमारी से ग्रस्त लोग ऐसा कर सकते हैं।
  • डॉक्टर की सलाह जरूर लें। हो सके तो जेनेरिक दवाइयों का विकल्प तलाशें।

पिछले साल की गई थी 12 फीसदी की बढ़ोतरी

2023 में भी दवाओं के दामों में 12 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई थी। सरकार ने अब फिर जरूरी 900 दवाओं की लिस्ट यानी नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिंस (NLEM ) को जारी किया है। एंटी एलर्जी, पैरासिटामोल, एंटी एनीमिया, विटामिन्स और मिनरल्स की दवाएं महंगी हुई हैं। यह फैसला उन मरीजों को प्रभावित करेगा, जो बीमारियों के चलते नियमित तौर पर दवा लेते हैं। कीमतों में बढ़ोतरी से मरीजों का मासिक बजट प्रभावित होगा।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Apr 01, 2025 11:12 AM

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