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गर्भवती महिलाएं न करें ये गलतियां, वरना बिगड़ सकता है बच्चे के चेहरे का नक्शा- Study 

Pregnant Women Diet Impacts in Womb Baby: एक स्टडी में चौंका देने वाला खुलासा हुआ है, जिससे पता चला है कि मां द्वारा ली जा रही डाइट गर्भस्थ शिशु की कुछ विशेषताओं को प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं कैसे?

Edited By : Simran Singh | Updated: Mar 30, 2024 17:48
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Pregnant Women Diet Impacts in Womb Baby
pregnant women diet

Pregnant Women Diet: हर महिला चाहती है कि उसका बच्चा सेहतमंद पैदा हो। इसलिए गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला हर छोटी से छोटी बातों का ख्याल रखती है। साथ ही पर्याप्त आहार भी लेती है, जो कि गर्भवती महिला के लिए बेहद जरूरी है। गर्भावस्था के समय किसी भी चीज का सेवन करना गर्भस्थ शिशु पर अच्छा और बुरा दोनों असर डाल सकता है। हाल ही में एक रिपोर्ट में सामने आया है कि गर्भवती महिला की डाइट से शिशु के चेहरे का नक्शा बदल सकता है।

दरअसल, नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में पब्लिश एक स्टडी में दावा किया गया है कि गर्भवती महिला के खाना खाने की आदतों से उसके बच्चे के चेहरे का आकार बदल सकता है। मां द्वारा ली जा रही डाइट गर्भस्थ शिशु के कुछ विशेषताओं को प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं कि किस तरह के आहार से गर्भस्थ शिशु पर कैसे असर पड़ सकता है?

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गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है बुरा असर

शोधकर्ताओं के अनुसार मां के आहार में प्रोटीन के स्तर को जीन एक्टिविटी से जोड़ा गया है। खासतौर पर एमटीओआरसी1 जीन से जोड़ा गया है। शोध में बताया गया है कि प्रोटीन के जरिए जीन की एक्टिविटी में बदलाव होता है और फिर इसका असर भ्रूण के क्रैनियोफेशियल आकार पर पड़ता है। ऐसे में बच्चे की नाक लंबी और चेहरे के आकार में बदलाव हो सकता है।

प्रोटीन का अहम रोल

शोधकर्ताओं ने पता किया कि मातृ आहार (Maternal Diet) में प्रोटीन का लेवल मॉड्यूलेशन एमटीओआरसी1 एक्टिविटी को काबू करता है। ऐसे में शिशु के चेहरे का आकार बदल सकता है। ये भी जानकारी दी गई है कि हाई प्रोटीन डाइट से बच्चों में मजबूती के साथ बड़ी नाक, शार्प जॉ लाइन होती है। जबकि, प्रोटीन को डाइट में कम शामिल करने से शिशु दुबला-पतला हो सकता है और उसके नाक या जबड़े के आकार पर खास प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में साफ है कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के लिए डाइट में प्रोटीन की सही मात्रा का होना बेहद जरूरी है।

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आपको जानकारी के लिए बता दें कि वैज्ञानिकों ने गर्भवती चूहों और जेब्राफिश पर रिसर्च की थी। ऐसे में उन्होंने व्यवहार को ऑब्जर्वर किया। शोध के तहत वैज्ञानिकों द्वारा जेनेटिक तौर पर हेरफेर करते हुए जानवरों को लिया, साथ ही उनके पोषण लेवल में बदलाव करके उनकी बच्चों में परिवर्तन देखा। ऐसे में साफ हुआ कि पोषण में किए जाने बदलाव का असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है और फिर पैदा होने के बाद बदलावों को बच्चों में देखा जा सकता है।

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Edited By

Simran Singh

First published on: Mar 30, 2024 05:48 PM

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