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डबल निमोनिया क्या है? जिससे हुआ पोप फ्रांसिस का निधन, जानें संकेत

कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है। इटली के वेटिकन सिटी में उन्होंने अंतिम सांस ली। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उन्हें डबल निमोनिया की बीमारी थी। ऐसे में जानिए कितनी गंभीर है यह बीमारी और इसके लक्षण व संकेत क्या हैं।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Apr 21, 2025 15:03

पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्हें एक बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पोप फ्रांसिस डबल निमोनिया नामक बीमारी से जूझ रहे थे। पोप ने वेटिकन सिटी में आखिरी सांस ली, उनके निधन की खबर आते ही 1.4 अरब का कैथोलिक समाज शोक में डूब गया है। खबर है कि उन्हें 14 फरवरी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं देखा गया था। निमोनिया एक फेफड़ों से संबंधित संक्रमण है, जिसमें फेफड़ों के एयर सैक्स (alveoli) म्यूकस, पस या अन्य लिक्विड से भर जाते हैं, जिससे मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। पोप फ्रांसिस को डबल निमोनिया हुआ था, आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में।

क्या है डबल निमोनिया?

पोप फ्रांसिस का निधन डबल निमोनिया से हुआ था। एशियन अस्पताल, फरीदाबाद में क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन के निदेशक और प्रमुख डॉ. मानव मनचंदा ने ओनली माय हेल्थ से कहा- कि इस बीमारी के लक्षणों को गंभीरता से लेने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि निमोनिया पहले से ही एक गंभीर बीमारी है और डबल निमोनिया उससे भी ज्यादा गंभीर बीमारी हो सकती है।

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डबल निमोनिया का मतलब होता है कि संक्रमण फेफड़ों के दोनों हिस्सों को प्रभावित कर रहा है। इससे स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो सकती है, क्योंकि इससे शरीर को ऑक्सीजन की कमी ज्यादा महसूस होती है और रिकवरी में अधिक समय लग सकता है। यह बीमारी बैक्टीरिया, वायरस और फंगस के कारण फैलती है। ये सभी तत्व फेफड़ों में संक्रमित लिक्विड को भरते हैं, जिससे बीमारी होती है।

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कितनी गंभीर है यह बीमारी?

डॉक्टरों के अनुसार, यह बीमारी आम हैं इसका इलाज भी संभव है लेकिन डॉक्टर ही इसका उपचार कर सकते हैं। मरीज के लक्षण कितने गंभीर हैं और कितने नहीं, यह डॉक्टर ही पता कर सकते हैं और उस हिसाब से इलाज शुरू किया जाता है। डबल निमोनिया गंभीर होता है, इसलिए इसके लक्षण दोगुना गंभीर हो सकते हैं। यदि उपचार सही समय पर न मिले, तो बीमारी ज्यादा गंभीर हो सकती है, जिस वजह से उपचार भी असफल हो सकता है।

पोप फ्रांसिस को क्या हुआ था?

कैथलिक चर्च के हेडक्वार्टर वेटिकन के अनुसार, पोप फ्रांसिस को 14 फरवरी को डबल निमोनिया के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पोप को निमोनिया के साथ-साथ फेफड़ों का भी संक्रमण हुआ था। उन्हें सांस की नली में पॉलीमाइक्रोबियल इन्फेक्शन भी हुआ था। पोप लगातार 5 हफ्तों तक अस्पताल में भर्ती रहे थे। इस बीच उनका ब्लड टेस्ट हुआ था, जिसकी रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि उनकी किडनी भी फेल होने की संभावनाएं थी। पोप के प्लेटलेट्स का काउंट भी कम था। साथ ही, ब्रोंकाइटिस डिजीज के भी लक्षण उनके शरीर में पाए गए थे।

डबल निमोनिया के लक्षण

  • कफ और खांसना।
  • सांस लेने में कठिनाई
  • सीने में तकलीफ
  • बुखार और ठंड लगना
  • पसीना
  • थकान या कमजोरी
  • कंपकंपी या ठंड लगना
  • नीली होंठ या नाखून

डबल निमोनिया का सही इलाज क्या?

  • एंटीबायोटिक्स डॉक्टर से परामर्श के बाद।
  • ऐंटीवायरल दवाएं लेना।
  • बुखार और दर्द की दवाएं दी जा सकती हैं।
  • आराम और भरपूर पानी पिएं।
  • जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन सपोर्ट या अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

First published on: Apr 21, 2025 03:02 PM

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