Pesticides Used In Lady Finger Causes Cancer : इन दिनों मार्केट में भिंडी की बहार है। भिंडी की कई तरह से रेसिपी बनाई जाती है। वहीं इस समय यह काफी सस्ती हो जाती है। इसलिए यह हर परिवार की पहुंच में होती है। अगर आप मार्केट से हरी-भरी भिंडी खरीदकर ला रहे हैं तो सावधान हो जाइए। इन दिनों भिंडी की फसल तैयार करने में कई तरह के पेस्टिसाइड यानी कीटनाशक मिलाए जा रहे हैं। ये कीटनाशक इंसान के लिए जहर से कम नहीं हैं। जब ये भिंडी के साथ इंसान के शरीर में जाते हैं तो ये कैंसर पैदा कर सकते हैं।
इन कीटनाशकों का हो रहा इस्तेमाल
कॉपर सल्फेट : इस कीटनाशक का इस्तेमाल भिंडी को हरा-भरा और चमकीला बनाने में किया जाता है। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि जब भिंडी की फसल तैयार की जाती है तो उस पर कॉपर सल्फेट का इस्तेमाल किया जाता है। इससे भिंडी हरी-भरी और चमकीली रहती है। इसके इस्तेमाल से लीवर और किडनी पर असर पड़ता है। यही नहीं, इसकी वजह से शरीर में फ्री रेडिकल बनते हैं जिनकी वजह से इंसान जल्दी बूढ़ा दिखाई देता है।
मैलाथियान 50% EC : प्रोफेसर के मुताबिक इस कीटनाशक का इस्तेमाल भिंडी में लगने वाले कीड़ों की रोकथाम के लिए किया जाता है। सिर्फ भिंडी ही नहीं, और भी दूसरी सब्जियों में इसका इस्तेमाल होता है। जब फसल तैयार होने वाली होती है तो इस केमिकल का फसल पर छिड़काव किया जाता है। यह छिड़काव एक से ज्यादा बार भी किया जा सकता है। यह केमिकल भी भिंडी समेत दूसरी सब्जियों के साथ शरीर में चला जाता है जो कैंसर का कारण बन सकता है।
15 दिन तक रहता है कीटनाशक का असर
प्रोफेसर ने बताया कि भिंडी में इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशक को खत्म करना लगभग नामुमकिन है। दरअसल, किसी भी कीटनाशक का असर उस सब्जी पर 3 से 15 दिन तक रहता है। ऐसे में अगर इतने दिन बाद सब्जी को इस्तेमाल किया जाए तो कीटनाशक का असर जरूर कम हो सकता है। ज्यादातर किसान कीटनाशक के छिड़काव के एक या दो दिन बाद ही भिंडी तोड़ लेते हैं। ऐसे में भिंडी पर कीटनाशक का असर बना रहता है। इसे तोड़कर ज्यादा दिन रख भी नहीं सकते क्योंकि यह सूखने लगती है। ऐसे में कीटनाशक लगी भिंडी को खाने के अलावा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं रहता।
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