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हेल्थ

सेक्स और शराब के मिथकों को तोड़ने वाले डॉक्टरों को क्यों करना पड़ता है धमकियों का सामना ?

Myths about daily life : डॉक्टरों को ईश्वर का दूसरा रूप कहा जाता है, लेकिन कभी-कभी उनको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है।वहीं सेक्स से लेकर शराब तक मिथकों को तोड़ने वाले डॉक्टर अपनी डेली लाइफ में धमकियों का भी सामना करते हैं।

Author Edited By : Pratyaksh Mishra Updated: Oct 22, 2023 13:59

Myths about daily life : जीवन की भाग-दौड़ में हम कभी-कभी अपनी दिनचर्या का पालन करना भूल जाते हैं। अक्सर ऐसा होता है हम जब घर पर खाली होते हैं तो हमारे जेहन में कई सवाल आते हैं। जैसे; क्या ब्लैक कॉफी हमारे लीवर के लिए अच्छी है? हम अपने पार्टनर के साथ सेक्स का आनंद कैसे ले सकते हैं ? क्या शराब पीने की कोई लिमिट है? इसके अलावा भी ढेरों सवाल जिनका हम उत्तर जानना चाहते हैं। इनके अलावा भी कई सारे सवाल हैं और मिथक भी बहुत सारे हैं, जिसमें ऑनलाइन दुष्प्रचार का बड़ा योगदान रहा है। वहीं सेक्स से लेकर शराब तक मिथकों को तोड़ने वाले डॉक्टर अपनी डेली लाइफ में धमकियों का भी सामना करते हैं।

‘मिथ बस्टिंग प्रैक्टिस’

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में, डॉ. एबी फिलिप्स ने लोगों को वैकल्पिक और जड़ी-बूटी-आधारित दवाओं से जुड़े जोखिमों के बारे में शिक्षित करने के लिए ट्विटर पर अपना ‘मिथ बस्टिंग प्रैक्टिस’ अभियान शुरू किया। वह अब TheLiverDoc के नाम से मशहूर हैं, उनका कहना है कि मेरे पहले वायरल ट्वीट्स के चलते मुझे बड़ी पहचान मिली, ट्वीट एक 14-वर्षीय स्कूली छात्रा के मामले के बारे में था, जिसने कभी शराब का सेवन नहीं किया। फिलिप्स ने बताया कि इसके बावजूद वह लड़की गंभीर लीवर से जुड़ी समस्या से गुजर रही थी, जिससे मुझे निपटना पड़ा।

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सेक्सुअल हेल्थ के बारे में जागरूकता की कमी

वहीं यौन स्वास्थ्य समस्याओं से निपट रहीं, डॉ तनया नरेंद्र ‘डॉ क्यूटरस’ के नाम से लोकप्रिय हैं, वह माहवारी और सेक्सुअल हेल्थ के बारे में बात करती हैं, जो अभी भी भारत में वर्जित है, और उनके बारे में निरर्थक पोस्ट का खंडन करती हैं। डॉ. तनया नरेंद्र ने ‘इंडिया टुडे’ को बताया कि मुझे लगा कि इस क्षेत्र में जागरूकता की भारी कमी है इसलिए समाज के योग्य लोगों को आगे आने की आवश्यकता है।

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कम नहीं है जोखिम

वैसे तो डॉक्टरों को जीवन देने वाला कहा जाता है लेकिन कभी-कभी उनको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है। किसी जाने-माने डॉक्टर पर फार्मा कंपनियों द्वारा मुकदमा दायर किया गया तो उसे दूसरे को जान से मारने की धमकियां दी जाती हैं, या बर्खास्त कर दिया जाता है। कह सकते हैं कि डॉक्टरों को सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट का खंडन करने के लिए जोखिम से गुजरना पड़ता है।

First published on: Oct 22, 2023 01:59 PM

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