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कहीं आपको फेफड़ों का कैंसर तो नहीं? ये फिंगर टेस्ट कराकर लगाएं पता

Clubbing Test For Lung Cancer: क्या आपको पता है फेफड़े की कैंसर के लक्षण की जांच आप घर बैठे कर सकते हैं। फिंगर क्लबिंग टेस्ट से आप यह पता लगा सकते हैं कि आपको कैंसर है या नहीं। जानिए कैसे करते हैं यह टेस्ट।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: May 21, 2024 21:32
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Lung Cancer
फेफड़े का कैंसर Image Credit: Freepik

Clubbing Test For Lung Cancer: कैंसर बीमारी की प्रारंभिक जांच अब और आसान होने की बात सामने आइ है। कैंसर रिसर्च नामक एक संस्था ने यह दावा किया है कि इस गंभीर बीमारी की प्रारंभिक जांच एक आसान से फिंगर क्लबिंग टेस्ट से हो सकता है। हालांकि यह जांच फेफड़ों में कैंसर के शुरुआती लक्षण को पहचान सकता है।

फेफड़ों के कैंसर या अन्य गंभीर फेफड़ों की बीमारियों के संकेत का पता लगाने के लिए क्लबिंग टेस्ट एक सरल और प्रभावी तरीका हो सकता है। फिंगर क्लबिंग या डिजिट क्लबिंग उन स्थितियों में देखा जाता है जब उंगलियों या पैर की उंगलियों के नाखूनों के नीचे का टिश्यू मोटा हो जाता है और नाखून ऊपर की ओर मुड़ने लगते हैं। यह आमतौर पर ऑक्सीजन की कमी या पुरानी बीमारी का संकेत होता है।

क्लबिंग टेस्ट (Schamroth’s Window Test) कैसे करें

दोनों हाथों की तर्जनी उंगलियों को मिलाएं

अपने दोनों हाथों की तर्जनी उंगलियों (इंडेक्स फिंगर्स) को एक-दूसरे के सामने लाएं।

नाखूनों के बीच एक डायमंड-शेप्ड स्पेस देखें

नाखूनों के ठीक नीचे एक छोटा सा डायमंड-शेप्ड स्पेस (जगह) होना चाहिए। अगर यह स्पेस दिखाई देता है, तो क्लबिंग नहीं है।

स्पेस गायब होना

अगर नाखूनों के बीच यह स्पेस गायब है और उंगलियां पूरी तरह से एक-दूसरे से सटी हुई हैं, तो यह क्लबिंग का संकेत हो सकता है।

क्लबिंग के अन्य लक्षण

  • उंगलियों के सिरों का बड़ा और गोल हो जाना।
  • नाखून का मोटा हो जाना और उपर की ओर मुड़ जाना।
  • नाखून और त्वचा के बीच का कोण 180 डिग्री या उससे अधिक हो जाना।
  • क्लबिंग केवल फेफड़ों के कैंसर का संकेत नहीं है, यह अन्य गंभीर फेफड़ों की बीमारियों, जैसे कि क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), फेफड़ों का
  • फाइब्रोसिस, या हृदय रोगों का भी संकेत हो सकता है।

अगर आपको या आपके किसी परिचित को क्लबिंग के संकेत दिखाई दें, तो यह सलाह दी जाती है कि जल्द से जल्द चिकित्सक से परामर्श करें। चिकित्सक आवश्यक परीक्षण और निदान के माध्यम से सही कारण की पहचान करने में मदद करेंगे।

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First published on: May 21, 2024 09:32 PM

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