फैटी लिवर की समस्या किसी भी इंसान को हो सकती है। इस रोग में लिवर सेल्स में एक्सट्रा फैट जमने लगता है, जिस वजह से इसे फैटी लिवर पुकारा जाता है। फैटी लिवर ज्यादा शराब पीने से, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड्स ज्यादा खाने से होता है। जो लोग ज्यादा शराब पीते हैं, उनमें AFLD यानी एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज होता है। डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल में भी फैटी लिवर की समस्या होने की संभावना रहती है। इन सबके अलावा, जो लोग पतले होते हैं, उनमें भी फैटी लिवर के मामले पाए जाते हैं जो कि थोड़ा आश्चर्यजनक है। जी हां, क्योंकि पतले लोगों के शरीर में फैट की मात्रा बिल्कुल कम होती है और लिवर में फैट पाया जाता है। इसे लीन फैटी लिवर कहते हैं और इसमें पेट के आस-पास की चर्बी बढ़ती है। चलिए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट की राय।
पतले लोगों में फैटी लिवर की समस्या क्यों?
पतले लोगों में फैटी लिवर होना भी सामान्य है। इसे लीन NASH या फिर लीन MASH कहा जाता है। यह स्थिति इस बात को दर्शाती है कि पतले लोग, जिनके शरीर में बिल्कुल फैट नहीं है, उन्हें भी लिवर से जुड़े रोग हो सकते हैं। जैसे पतले लोगों में डायबिटीज और हाइपरटेंशन की समस्या होती है, ठीक वैसे ही लिवर डिजीज भी इन लोगों के अंदर होने वाला एक कॉमन डिजीज है।
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फैटी लिवर के कुछ कारण
डॉक्टर आकाश माथुर के मुताबिक, पतले लोगों में फैटी लिवर की समस्या होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि:
जेनेटिक्ल इश्यू- फैमिली हिस्ट्री में लिवर से जुड़े रोगों का होना।
पर्यावरण- टॉक्सिक और प्रदूषक तत्वों के संपर्क में रहने से भी पतले लोगों को फैटी लिवर की समस्या हो सकती है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस- इंसुलिन रेजिस्टेंस लिवर में कई प्रकार से फैट को जमा कर सकता है। इस कारण फैटी लिवर डिजीज हो सकता है।
खराब लाइफस्टाइल का बड़ा रोल
अजमेर, राजस्थान के एमबीबीएस गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर आकाश माथुर बताते हैं कि पतले लोगों में खराब लाइफस्टाइल फैटी लिवर का सबसे प्रमुख कारण है। डॉक्टर बताते हैं कि इस समस्या के होने के पीछे सेंट्रीपिटल ओबेसिटी जिम्मेदार है। इस प्रकार के मोटापे में शरीर के पेट, कमर और छाती के आस-पास की चर्बी फैलती है और बढ़ती है। ये फैट ही Fatty Liver का कारण होता है। अब यह चर्बी क्यों जमा होती है, इसके लिए हमें इसके कारण जानने होंगे।
Centripetal Obesity की वजह
ऐसा मोटापा जंक फूड खाने से, ज्यादा मीठा खाने से, पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स खाने से या फिर सिडेंटरी लाइफस्टाइल (Sedentary Lifestyle) के चलते बढ़ता है। मोटापे की इस स्थिति से टाइप-2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक, फैटी लिवर डिजीज और मेटाबोलिक सिंड्रोम होने का भी रिस्क बढ़ जाता है।
बचाव के लिए क्या करें?
डॉक्टर आकाश के मुताबिक, इस परेशानी से बचाव के लिए आप कुछ बातों का अपना सकते हैं:
- रोजाना 30 से 45 मिनट तक व्यायाम करें। इसमें हल्की वॉक या जॉगिंग कर सकते हैं।
- मीठे फूड्स और लिक्विड्स से दूरी बनाएं।
- जंक और प्रोसेस फूड से दूरी बनाएं।
- धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें।
- हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।










