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हेल्थ

किडनी फेल हो या इंफेक्शन… इस आयुर्वेदिक उपचार से मिलेगी राहत, डॉक्टर से जानें

आयुर्वेद में किडनी से जुड़ी बीमारी के बारे में भी इलाज मौजूद है। किडनी डिजीज इन दिनों काफी बढ़ गए हैं, जिसके लिए डायलिसिस और मेडिकल उपचार का सहारा लिया जाता है लेकिन जरूरी नहीं है कि इलाज के लिए सिर्फ दवाओं की मदद ली जाए। अगर आप भी किडनी से जुड़ी समस्या से पीड़ित हैं, तो इन उपायों से दूर करें परेशानी।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Apr 14, 2025 12:48
kidney disease causes
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किडनी डिजीज से इन दिनों दुनियाभर में लाखों लोग पीड़ित हैं। दुनिया में बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या में इस बीमारी का भी अपना रोल रहा है। साल 2023 तक दुनियाभर में किडनी डिजीज के 80 करोड़ से अधिक मरीज पाए गए थे। भारत में भी किडनी के रोगियों की संख्या अधिक है। किडनी डिजीज का प्रमुख कारण लाइफस्टाइल से जुड़ा होता है। किडनी में किसी प्रकार का इंफेक्शन हो जाए, तो उसका इलाज करने के लिए हमें डॉक्टरी सलाह लेनी होती है। भारत में आयुर्वेद को आज भी बीमारियों के उपचार के लिए सहायक माना जाता है। हालांकि, कई बीमारियां हैं जिनका इलाज करने के लिए एलोपैथी ट्रीटमेंट को ज्यादा कारगर माना गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो आयुर्वेदिक उपायों की मदद से एलोपैथिक इलाजों में मदद मिल सकती है लेकिन पूरी तरह से रिकवर नहीं हुआ जा सकता है। किडनी के मरीज जो अपना इलाज करवा रहे हैं, वे इन घरेलू उपायों का सहारा भी ले सकते हैं।

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किडनी फेल कैसे होती है?

किडनी शरीर का जरूरी अंग है। इसके खराब होने के पीछे कारण है शरीर में टॉक्सिन्स का जमाव और लिक्विड का स्तर बढ़ना। इन वजहों से किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इन दोनों स्थितियों को एक्यूट किडनी डिजीज या फिर क्रोनिक किडनी डिजीज भी कहा जाता है। Acute किडनी फेल में किडनी में चोट लगना, कम पानी पीना और दवाओं का असर बड़ी वजह होती है। क्रोनिक किडनी डिजीज में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और नेफ्रोटिक सिंड्रोम प्रमुख कारण हैं।

WHO क्या कहता है?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट की मानें तो किडनी डिजीज के मामले दुनिया के उन देशों में सबसे ज्यादा है, जहां लो और मिडिल इनकम वाले लोगों की संख्या अधिक है। यहां के लोगों में प्राइमरी प्रिवेंशन को लेकर कोई खास तैयारियां नहीं होती हैं। हाइपरटेंशन और डायबिटीज भी क्रोनिक किडनी डिजीज के रिस्क को बढ़ाता है। किडनी डिजीज के अलग-अलग प्रकार के इलाज भी महंगे हो सकते हैं, जो सभी लोग अफोर्ड नहीं कर सकते हैं। स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए लोगों के बीच ऐसे उपायों को लाने की जरूरत है, जो कम लागत तथा असरदार हों।

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आयुर्वेद में किडनी रोग का इलाज

आयुर्वेद में किडनी रोग के कारण तीनों वात के असंतुलन से होने वाली समस्या बताई गई है। इसका स्थाई इलाज आयुर्वेद में है लेकिन इसका कोई भी वैज्ञानिक स्पष्टीकरण मौजूद नहीं है। गोखरू, वरुण, पुनर्नवा और त्रिफला जैसी जड़ी बूटियों की मदद से इलाज हो सकता है। दरअसल, इन सभी चीजों से किडनी डिटॉक्स में मदद मिलती है।

क्या है उपाय?

किडनी फेल होने या उपचार करने के लिए आपको दो काम करने होंगे। इससे किडनी इंफेक्शन, किडनी फेलियर और स्टोन की समस्या भी दूर होती है। ये हैं दोनों तरीके:

  1. पहले उपाय में आपको पपीता के पत्तों का काढ़ा बना कर सुबह और शाम दोनों वक्त पीना है। इस काढ़े को पीने से इंफेक्शन कम होता है। अगर इसमें गिलोय के पत्तों को भी मिला लें तो फिर सूजन भी कम होती है।
  2. दूसरे उपाय में आपको रोजाना खाली पेट पत्थरचट्टे के पत्तों को चबाकर खाना है। किडनी स्टोन की प्रॉब्लम को दूर करने के लिए यह घरेलू उपाय सबसे असरदार है।

एक्सपर्ट ने दी सलाह

उत्तर प्रदेश, नोएडा के डॉ. फिरोज शाहिद, आयुर्वेदिक एक्सपर्ट बताते हैं कि किडनी डिजीज में आपको घरेलू उपायों की मदद लेनी चाहिए। उनके अनुसार, गुर्दे का संक्रमण, गुर्दे की पथरी के लिए आयुर्वेद का सबसे अच्छा इलाज आयुर्वेद में बताए गए ये 2 तरीके हैं।

किडनी फेल के संकेत

इसके बारे में ग्राफिक्स की मदद से समझें

किडनी डिजीज के लिए डाइट टिप्स

  • ये लोग अपनी डाइट में फलों जैसे कि स्ट्रॉबेरी, क्रैनबेरी, लाल अंगूर और चेरी को शामिल करें।
  • सब्जियों में गोभी, लाल शिमला मिर्च, फूलगोभी और प्याज ज्यादा से ज्यादा खाएं।
  • साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, गेहूं और क्विनोआ खा सकते हैं।
  • चना, दाल और राजमा खाना सही रहेगा।
  • भरपूर मात्रा में पानी पिएं।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Apr 14, 2025 12:48 PM

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